Uttarakhand News: उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग थामने का नाम नहीं ले रही है। पहाड़ में हर जगह से खबर आ रही है और वहीं आग ने अब तक करोड़ों की वनों को नष्ट कर चुकी है। हर जगह से आग की खबर सामने आ रही है, जहां आग से कई पेड़ जलकर राख हो चुके हैं, और जंगली जानवरों का घर भी उजड़ रहा है। और वो फिर गावों की तरफ दौड़ पर रहे है । वहीं इस महामारी के साथ ही आग का ये सिलसिला भी जारी है। जिसने सबको विवश कर दिया है। वहीं ये आग लोगों के घरों तक पहुंच रही है और उत्तराखंड में अब तक कई घरों को जंगलों की आग अपनी चपेट में ले चुकी है।
इस मुसीबत पर अब उत्तराखंड पहाड़ के कई लोग सामने आए हैं, और उन्होंने खुद ही जंगलों की आग को बुझाने का प्रयास किया है। ऐसी ही एक मामला उत्तरकाशी जिले से सामने आया है जहां, एक बुजुर्ग महिला जिनकी उम्र 86 है, उन्होंने अपने गांव में लगी जंगलों की आग को अकेले ही बुझाने का फैसला लिया। और उसके बाद वो आग बुझाने में लग गई लेकिन आग बुझाते उनका 40 फीसदी तक शरीर जल गया है और बताया जा रहा है की, वो इस समय हॉस्पिटल में भर्ती हैं।आपको बता दें की, उत्तरकाशी जिले की 86 वर्षीय श्रीमती रेठी देवी ग्राम उपला दियोरा की निवासी हैं, और उत्तरकाशी के इस गांव के जंगल भी आग की चपेट में आएं हैं|
यहां के जंगलों में भी भीषण आग लग रखी है। और हाल ही में लगभग 10 बजे जंगलों में लगी आग गांव तक पहुंच गई और मवेशियों का चारा और घास आग की चपेट में आ गए। उसके बाद बढ़ती आग के नुकसान को देखकर गांव में कोहराम मच गया। उसके बाद जंगलों में लगी हुई भीषण आग को बुझाने के लिए कोई भी तैयार नहीं हुआ। उसके बाद 86 वर्षीय महिला रेठी देवी ने आग को बुझाने के लिए आगे आई और उसके बाद वह आग को बुझाने के लिए जंगलों की और गई। बताया जा रहा है की, यदि अगर उन्होंने समय रहते हिम्मत नहीं दिखाई होती तो, यह आग गांव तक पहुंच जाती और पूरा जनजीवन को भारी नुकसान हो जाता।
उसके बाद भी आग बुझाने के दौरान उनका शरीर जलता रहा मगर वह रुकी नहीं और लगातार आग को बुझाती रहीं, लेकिन वो रुकी नहीं। आग में झुलस हुई महिला ने अपनी हिम्मत नहीं हारी। आग बुझाने के दौरान उनका शरीर 40% तक झुलस गया। वह इस समय अस्पताल में भर्ती हैं। बताया जा रहा है की, प्रशासन की तरफ से उनको उचित उपचार नहीं मिला। और इसके बाद ग्रामीणों द्वारा ही उनको उपचार के लिए उत्तरकाशी के जिला अस्पताल ले जाया गया। फिर वहां अस्पताल ले जाने के बाद उनकी हालत गंभीर बताई गई और उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उनको देहरादून रेफर कर दिया गया। बताया जा रहा है की, देहरादून में उनका इलाज कैलाश अस्पताल के आईसीयू में चल रहा है जहां वे जिंदगी और मौत के बीच में लड़ रही है।