चमोली: पिछले महीने 7 फरवरी को ऋषि गंगा में ग्लेशियर टूटने से बहुत बाढ़ आ गई थी जिसकी वजह से ऋषि गंगा प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह हो गया था। बहुत से लोगों का शव अभी तक नही मिला है। आपको बता दें की बीती रात को ऋषि गंगा का जल स्तर बढ़ने से रैणी गांव के लोग डरे हुए हैं। हालांकि, गांव के लोग वहां से निकलकर सुरक्षित स्थानो में जा चुके हैं।
वहीं दोपहर के बाद ऋषि गंगा नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण ग्रामीण अपने घर को छोड़कर जंगल में चले गए हैं। रैणी गांव के मुरली सिंह, पूरण सिंह और पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य संग्राम सिंह ने बताया की दोपहर बाद उच्च हिमालय क्षेत्र में बर्फबारी और तेज बारिश हुई। जिससे ऋषि गंगा का तेज जल स्तर बढ़ने लगा। देर रात तक भी क्षेत्र में बारिश होती रही। उसके बाद गांव वालों ने खरते को देखते हुए जंगलों की और जाने लगे।
हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, बद्रीनाथ धाम की चोटियां,रुद्रनाथ, लाल माटी जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो रही है। जबकि निचले इलाके में बारिश तेज हो रही है। गोपेश्वर के साथ ही जोशीमठ, पीपलकोटी, पोखरी, नंदप्रयाग घट जैसे क्षेत्रों में बारिश की वजह से नदी नाले उफान पर हैं।वहीं, इस बारिश के चलते गेंहू की फसलों को नुकसान पहुंचा है। वहीं, बताया जा रहा है की, मौसम खराब होने की वजह से शाम 7:30 बजे ही अंधेरा छा जारा है।
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