कुछ फिल्मे प्रेणादायक होती है। एक ऐसी ही फिल्म है ‘निल बटे सन्नाटा’। लगभग सभी लोगों ने इस फिल्म के बारे में सुना ही होगा। इस फिल्म की कहानी मां-बेटी के पढ़ाई और उनके रिश्ते पर आधारित है। जब बेटी अपनी मां को घरों में काम करता हुआ देखती है तो उसे लगता है कि उसका भविष्य भी यही होने वाला है, इस कारण वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं देती।लेकिन फिर मां भी बेटी के स्कूल में एडमिशन लेकर अपने सपनो को पूरा करने की कोशिश ने लग जाती है। इस फिल्म से कई ऐसी ही मांओं को प्रेरणा मिलती है।
आज इसी ही मिसाल कायम उत्तराखंड के चमोली से एक मां ने की है। जी हां, इस साल दोनो मां बेटी ने 9वीं और 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। यह मिसाल कायम करने वाली महिला का नाम कमला रावत हैं जो इस समय 39 साल की है। वह दशोली के ठेली नामक गांव की नवासी है।जिस समय वह स्कूल में थी उनकी घर की स्थिति ठीक नहीं थी जिस कारण उन्हे अपनी पढ़ाई 8 कक्षा तक ही करनी पड़ी। इसके बाद उनका विवाह 2006 में हुआ, और फिर तीन बच्चों और परिवार की जिम्मेदारी उन पर ही थी। ऐसे में वह अपनी पढ़ाई को पूरा करने जा सपना कहीं भूल ही गई लेकिन उनके मन में हमेशा यह बात रही।
जब उनके बच्चे बड़े होकर स्कूल जाने लगे तो उन्होंने भी अपनी पढ़ाई को जारी करने की बात सोची।इस बात पर परिजनों ने भी उनका सम्मान कर इच्छा का मान रखा। इसके बाद वर्ष 2018 में उन्होंने हाईस्कूल का फॉर्म भरा और अच्छे से परीक्षा में उत्तीर्ण रही। और इस साल उन्होंने नंदप्रयाग से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। साथ ही उनकी बेटी आएशा रावत ने भी इस वर्ष 9वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की।
कमला ने बताया की जब उनकी शादी हुई तो उन्होंने सोचा था वह अब अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाएंगी। लेकिन सरकार के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की मुहिम ने उन्हें बहुत प्रभावित किया। और उन्होंने अपनी उम्र की ओर ध्यान न देते हुए आगे पढ़ाई जारी रखने का फैसला किया। कमला रावत अब पूरे देश को मांओं के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है। उन्होंने साबित कर दिया है कि कोशिश करने वाले कभी हारते नही है। दोनो मां बेटी की इस सफलता से पूरे परिवार में खुशी का माहौल बना हुआ है।
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