अक्सर लोग शादियों में नार्मल रोटी खाने की जगह तंदूरी रोटी खाना पसंद करते हैं और शादियों या कोई त्यौहार में तंदूरी रोटी काफी डिमांड में रहती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तंदूरी रोटी हमारे सेहत के लिए भी क्या उतनी ही अच्छी है? आइए जानते हैं। तंदूरी रोटी मैदे से बनाई जाती है। मैदा और कुछ नहीं बल्कि प्रोसेस्ड और पोलीस गेहूं होता है। इसे आगे बेंजॉयल पेरोक्साइड के साथ ब्लीच किया जाता है, जो आटे को एक शुद्ध सफेद रंग और चिकनी बनावट देता है। इतने सारे केमिकल मिलाने के बाद मैदा आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। वहीं अगर आप लगातार मैदे का सेवन करते हैं तो आपको कई बीमारियां हो सकती हैं जैसे आईबीएस, पुरानी कब्ज, पाचन संबंधी समस्याएं, ट्राइग्लिसराइड्स, कोलेस्ट्रॉल इत्यादि का जोखिम बढ़ जाता है।
क्या आप जानते हैं कि तंदूरी रोटी की वजह से आपका वजन भी काफी तेजी से बढ़ सकता है क्योंकि एक तंदूरी रोटी में करीब 110 से 150 कैलोरीज होती है। जिसमें कार्बोहाइड्रेट और कैलोरीज का सबसे ज्यादा प्रतिशत होता है। इसके साथ ही तंदूरी रोटी में प्रोटीन भी होता है, लेकिन ना के बराबर। तंदूरी रोटी के सेवन से हार्ट अटैक जैसी बीमारिया भी बढ़ जाती है। तंदूरी रोटियों को पारंपरिक रूप से तंदूर में पकाया जाता है जिससे उनमें कोयलों की महक आती है। लेकिन ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुए रिसर्च के अनुसार प्रोफेसर झेंगमिंग चेन ने बताया कि ठोस ईंधन जैसे कोयला, लकड़ी या चार कोष में लंबे समय तक पका हुआ खाना खाने में वायु प्रदूषण तो होता ही है, साथी हार्ट अटैक का जोखिम भी बढ़ जाता है।
मैदे का पहला प्रभाव यह है कि वह आपके शरीर में शुगर लेवल को बढ़ाता है। क्योंकि इसमें बहुत अधिक ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। यदि आप मैदा का बार-बार सेवन कर रहे हैं, तो इंसुलिन का उत्पादन धीरे-धीरे कम हो जाएगा, जिसकी वजह से डायबिटीज हो सकती है। अगर आपको तंदूरी रोटी खाना इतना ही पसंद है तो आप मैदे की जगह सिंपल आटा भी यूज़ कर सकते हैं। आप चाहे तो तंदूरी रोटी आधा मैदा और आधा गेहूं का आटा मिक्स करके बना सकते हैं।इसके अलावा, इन्हें बनाने के लिए ओवन का इस्तेमाल करें। इससे न सिर्फ वातावरण को स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी, बल्कि आप भी स्वस्थ रहेंगे।