ऑस्ट्रेलिया में हिन्दू बच्चे के साथ भेदभाव, तुलसी की माला पहनकर फुटबॉल खेलने से रोका, बाद में मांगी माफी….

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Hindu soccer player boy in australia told bkt to wear religious thing during match

आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के 12 साल के बच्चे शुभ पटेल को तुलसी की माला पहनने की वजह से फुटबॉल का मैच खेलने से रोक दिया गया। शुभ टूवूंग क्लब की तरफ से फुटबॉल खेलता था। एक मैसेज पहले रैफरी ने उस को रोकते हुए कहा कि कोई भी खिलाड़ी धार्मिक प्रतीक चिन्ह नहीं पहन सकता। शुभ ने रेफरी के फैसले का विरोध किया और साथ ही निर्णय लिया कि वह यह माला नहीं उतारेगा। इसके बाद क्वींसलैंड प्रांत में फुटबॉल क्लबों के नियंत्रक ने गलती मानते हुए शुभ को माला पहनकर खेलने की मंजूरी दी।  शुभ ने बताया कि उसका परिवार स्वामीनारायण संप्रदाय से है। इस संप्रदाय में तुलसी की माला पहनना मतलब ईश्वर से मिलना होता है। साथ ही शुभ ने बताया कि अगर मैं माला पहनना छोड़ दूंगा तो मुझे लगेगा कि मैं भगवान पर भरोसा नहीं करता।

फुटबॉल संबंधी अंतरराष्ट्रीय संस्था फीफा ने खिलाड़ियों के नेकलेस, रिंग, ब्रेसलेट, इयररिंग वगैरा पहनने पर रोक लगा रखी है, लेकिन तुलसी की माला इस लिस्ट में नहीं है। जब रैफरी ने शुभ को फुटबॉल खेलने से रोका तो शुभ ने कहा कि फुटबॉल खेलने से अच्छा है कि पहले मैं अपने धर्म की रक्षा करू। इसी बीच कुछ लोगों ने शुभ को माला उतारने की सलाह दी लेकिन शुभ ने किसी की एक न सुनी। इससे पहले भी वह माला पहनकर 15 मैच खेल चुका था लेकिन इससे पहले उसको किसी ने भी यह माला उतारने के लिए नहीं कहा।

जब सब ने साफ साफ शब्दों में कह दिया कि वह फुटबॉल खेलना छोड़ सकता है लेकिन वह यह तुलसी की माला नहीं उतरेगा, इसी वजह से यह मामला मीडिया की नजरों में आया। इसके बाद फुटबॉल क्वींसलैंड नाम की संस्था ने इसकी जांच कराई और शुभ पटेल के परिवार से माफी मांगी। फुटबॉल क्वींसलैंड ने अपने बयान में कहा कि क्वींसलैंड में फुटबॉल बेहद लोकप्रिय खेल है और इसमें हर धर्म और संस्कृति के लोगों को सम्मान दिया जाता है। इसके बाद शुभ पटेल को तुलसी की माला पहनकर फुटबॉल खेलने की अनुमति दे दी गई।

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