अजमेर:- रविवार को कुछ विद्यार्थी परीक्षा देने से रह गए। घंटो का सफर तय करने के बाद परीक्षा केंद्र पर तो पहुँचे लेकिन केंद्र के अंदर एंट्री मिलने का समय बीत चुका था। समय पूरा होने के बाद एंट्री गेट बंद हो चुका था। लोग परीक्षा देने के लिए इधर उधर भटक रहे थे। वही एंट्री ना मिलने पर महिलाएँ रोने लगी। इतनी मेहनत करने के बाद बिना एग्जाम दिए घर को वापिस जाना पड़ा।
खुद की लापरवाही पड़ी महंगी- गुरजात के दाऊ से दमयंती तंवर रीट का एग्जाम देने गई थी। उनका एग्जाम सेंटर गवर्नमेंट सेंट्रल गर्ल्स स्कूल था। दमयंती सुबह 9 बजे एग्जाम केंद्र पहुंच गई लेकिन जैसे ही वह एंट्री लेने के लिए आगे बढ़ी तो प्रवेश पत्र गायब था। उसने इंटरनेट से अपना प्रवेश पत्र निकालने की कोशिश की लेकिन उसको अपना रोल नंबर याद नही था। वही एक बाइक सवार युवक की मदद से वह अपनी बहन के घर से एंट्री पत्र लेकर लौटी, लेकिन तब तक समय बीत चुका था। और उसको एंट्री नही दी गई। वह एंट्री लेने के लिए स्कूल के बाहर गेट पर भटकती रही।
पांच मिनट रहे गए थे- दमयंती तंवर एग्जाम सेंटर के बाहर रोती रही लेकिन उसकी किसी ने नही सुनी। उसने कहा कि पूरे साल मेहनत करने के बाद वह एग्जाम देने आई। ये उसका आखिरी अवसर था। एग्जाम शुरु होने से पांच मिनट पहले ही वह पहुंच गई थी लेकिन उसको एंट्री नही दी गई।
तीन मिनट की देरी भी नही हुई माफ़ – हॉस्पिटल मे एडमिट प्रगति उत्तम को उसका परिवार एग्जाम दिलवाने के लिए सेंट्रल गर्ल्स स्कूल लेकर पहुंचा लेकिन स्कूल के इंचार्ज ने उसको एंट्री देने से मना कर दिया। प्रगति के पति ने केंद्र इंचार्ज से लेकर रीट अधिकारियों तक बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने बात नही की। यहाँ तक कि उन्होंने प्रगति के हॉस्पिटल मे भर्ती होने का सर्टिफिकेट भी दिखाया लेकिन उन्होंने उसको भी देखने से मना कर दिया। प्रगति के पति ने केंद्र अधिकारियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने हमारी मदद नही की। और तीन मिनट से ज्यादा उन्होंने हमें इधर से उधर भेजने मे लगा दिया।