आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन के बढ़ते मामलों को देखकर अब उत्तराखंड सरकार भी सतर्क हो गई है। साथ ही उत्तराखंड में ख़रीदी ज़मीन पर भी विशेष नज़र रखी जा रही है। सरकार द्वारा ज़िलों से बाहरी व्यक्तियों का सत्यापन का अभियान चलाया जाएगा। साथ ही पहाड़ी क्षेत्रों में दिख रहे जनसांख्यिक और समुदायिक विशेष के बढ़ते बदलाव को देखकर हालत बिगड़ रही है। रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की घुसपैठी से कई जगहों पर पलायन हो रहा है। खूफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर राज्य सरकार ने कुछ अहम क़दम उठाए हैं। राज्य बनने के बाद से ही देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, उधम सिंह नगर और पौड़ी में तेज़ी से समुदाय विशेष के लोगों द्वारा ज़मीन ख़रीदी के मामले बढ़े हैं। उत्तराखंड में कई जगह ऐसे हैं जहाँ मूल निवासियों को अपना घर गाँव छोड़ना पड़ रहा है।
इंटेलिजेंस एजेंसी के मुताबिक़ अब मैदानी क्षेत्र में ही नहीं बल्कि पहाड़ी क्षेत्रों में भी समुदाय विशेष की बसावट तेज़ी से बढ़ रही है। जिसमें चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और अल्मोड़ा जैसे ज़िले शामिल है। साथ ही आशंका जतायी जा रही है कि इनमें रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठिए शामिल है। साथ ही राज्य में नेपाली मूल के निवासी भी अवैध तरीक़े से रह रहे हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में समुदाय विशेष की जनसंख्या बढ़ने के कारण लोग अपना घर गाँव छोड़ रहे हैं। इस मामले को देखते हुए सरकार द्वारा ज़िलों में शांति समिति का गठन किया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि काफ़ी समय से अलग अलग तरह के लोग उत्तराखंड में बस गए हैं। यह जाँच किसी एक समुदाय को लक्ष्य बनाकर नहीं की जा रही है। इसमें सारे पहलुओं को शामिल किया जा रहा है। साथ ही देवभूमि में सांप्रदायिक सौंदर्य को बरकरार रखने के लिए शांति समिति का गठन किया गया है।
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