रायपुर: जमीन के जंजाल से तंग जवान ने छोड़ी नौकरी, बड़े बड़े आफिसर के पत्र भी नहीं आए किसी काम…

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Tired of land trap army soldier quits job in raipur

छत्तीसगढ़:- भारतीय सेना के जवान एनके वर्मा राजधानी के रायपुर के कोटा के रहने वाले है। एनके वर्मा ने 2012 में एक जमीन खरीदी थी। लेकिन उस जमीन को अब सरकारी बताया जा रहा है। इस बात से परेशान होकर जवान से अपनी नौकरी छोड़ दी। जवान ने पहले प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, रायपुर के कलेक्टर सौरभ कुमार से जमीन के बारे में शिकायत भी की लेकिन उसको इंसाफ नही मिला। यहाँ तक पीएमओ ने जिला प्रशासन को पत्र भी भेजा लेकिन उन्होंने ने भी इस मामले पर गौर नही किया। इस परेशानी में आकर उसने अपनी नौकरी ही छोड़ दी।

कोटा में जवान की जमीन तो बता रहे है, सरकारी कलेक्टर ने इंसाफ के लिए दिलाया विश्वास- 8 सितंबर 2021 को भारतीय सेना के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल राजेश डब्ल्यू अडयू एसएम ने रायपुर के कलेक्टर सौरभ कुमार को पत्र लिखा और उसमें कहा कि जवान की मानसिक हालत ठीक नही है इसलिए प्रधानमंत्री खुद ही जांच करवाएं और उसको इंसाफ दे। लेकिन उसको इंसाफ नही मिला। जवान ने कलेक्टर सौरभ कुमार से बात करने की कोशिश की लेकिन बात नही हो पाई। राजस्व संभाल की अपर कलेक्टर पदमिनी भोई के अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे है। वही जवान ने बताया कि रायपुर कलेक्टर ने सात दिन में निपटारा करने के लिए कहा है।

वीडियो पहले वायरल की फिर इंसाफ मांगा- सेना के जवान ने वीडियो वायरल की जिसमे उसने कहा था कि अगर इंसाफ नही मिला तो वह नौकरी छोड़ देगा। वह अपनी ज़मीन पर घर बनवा रहा था लेकिन पटवारी, राजस्व निरीक्षक, नगर निगम के कमिश्नर और राजस्व अधिकारियों ने व्यक्तिगत बताया और फिर बाद में सरकारी बताकर उसे घर बनाने से रोक दिया। जवान एनके वर्मा की पत्नी रुपाली वर्मा ने कहा कि उन्होंने 29 मई 2012 को कोटा में एक हज़ार स्क्वायर फ़ीट ज़मीन ली थी। गोपीकृष्ण के पास 4 हज़ार स्क्वायर फीट प्लाट का एक हिस्सा था, जिसे दो अलग अलग लोगो ने खरीदा। रुपाली ने बताया कि उन्होंने गोविकृष्ण अग्रवाल से ज़मीन खरीदी थी।

एनके वर्मा ने वर्ष 2015 और 2016 में ज़मीन अपने नाम करवाने के बाद अखबारों में सार्वजनिक सूचना भी दी। इसके बाद में खसरा नंबर मिला। ज़मीन के लिए पटवारी से रिकॉर्ड भी चेक करवाया। उस समय ज़मीन को व्यक्तिगत बताया। 6 मई 2020 को घर बनाने के लिए काम शुरू किया लेकिन 16 मार्च 2020 को जॉन कमीशन आये और हमारे खनन के काम पर रोक लगा दी।

28 लोगो ने किया ज़मीन पर कब्जा- कलेक्टर ने 2019 में जांच करवाई थी। नाम दर्ज होने के बाद खसरा नंबर 150/3 में 1.072 हेक्टर जमीन पर 28 लोगो ने कब्जा किया हुआ था। इससे पहले भी अधिकारियों ने नाम लिखकर व्यक्तिगत ज़मीन बताया। जिस के कारण कई लोगो के अपना खुद का घर होने का सपना टूट रहा है।

जवान एनके वर्मा ने 2004 में नौकरी जॉइन की थी- भारतीय सेना के जवान एनके वर्मा ने कहा कि वह अपने माता पिता के इकलौती बेटे है, उनकी तीन बहने भी है। उनका सपना देश की रक्षा और सेना में भर्ती होना था। उन्होंने 2004 में सेना जॉइन की। इस ज़मीन को उन्होंने मेहनत करके खरीदा था। लेकिन नगर निगम के कुछ अधिकारी उनकी पत्नी रुपाली वर्मा को परेशान करते थे। एक बार रुपाली घर मे अकेली थी तो नगर निगम के अधिकारियों ने उसको घेर लिया, जिससे डर कर उसकी तबियत खराब हो गई। वह कार्यालय में भटकते रहे न्याय के लिए लेकिन फिर उन्होंने परेशान होकर नौकरी छोड़ दी।

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