27 सितंबर को कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता अपने दोस्तों के साथ गोरखपुर के कृष्ण होटल में रुके थे। उस समय पुलिस उनके कमरे में दाखिल हई और उनसे सवाल जवाब करने लगी। वही होटल में उनकी मारपीट की जिसकी वजह से उनकी मृत्यु हो गई। कानपुर में एसआईटी टीम को मनीष गुप्ता के दोस्त हरवीर सिंह ने बयान दिया। जिसमे उन्होंने कहा कि पहले दरोगा अक्षय मिश्रा ने पहले हरवीर सिंह को थप्पड़ मारा और फिर बाद में थानेदार जेएन सिंह ने मनीष को थप्पड़ मारा था। फिर वह कमरे में जबरदस्ती घुस गए और मारने लगे। उसने बताया कि मनीष का कमरा उसने खुलवाया था। उन्होंने कहा कि अभी तक सरकार ने मनीष के आरोपियों को गिरफ्तार नही किया है।
SIT ने हरवीर सिंह से क्या पूछा?- एसआईटी ने हरवीर सिंह से पुलिस के होटल में आने से लेकर दरवाज़ा खटखटाने और उसके एक अधिकारी को मनीष के साथ जबरदस्ती कमरे से बाहर लेने जाने के बारे में बताया। हरवीर के साथ प्रदीप सिंह से भी एसआईटी ने पूछा किस तरह पुलिस ने कमरे में घुस कर मनीष के साथ तरह का बर्ताव किया और बात पर उनकी नार्मल बातचीत बहस में बदल गई।
एसआईटी ने दोनों से गोरखपुर जाने की वजह पूछते हुए कहा कि मनीष गुप्ता को गोरखपुर क्यों बुलाया गया था। एसआईटी की टीम हरविंदर प्रदीप से पूछताछ करने के बाद चंदन सैनी का दोबारा बयान लेगी। जिनके कहने पर मनीष गुप्ता, हरवीर सिंह और प्रदीप गोरखपुर गए थे।
READ ALSO: बेखौफ होकर स्कूल में घुसे आतंकी, प्रिंसिपल और टीचर के सिर में मारी गोली…