सेना के जवान को शहीद का दर्जा न देने पर परिजनों ने दाह संस्कार से किया इंकार

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Family refuses cremation for not giving martyr status to army jawan in pathankot
Photo: Amarujala.com

 

आज की खबर पठानकोट से आ रही है। यहां तीन दिन बाद बुधवार की सुबह को सेना के जवान श्यामजी यादव का शव वाराणसी उनके गांव पहुंचा। परिजनो में कोहराम मचा हुआ था। जानकारी के मुताबिक लोहता थाना क्षेत्र के सरवनपुर के रहने वाले श्यामजी यादव सेना में हवलदार के पद पर तैनात थे।

लेकिन बीते 29 जनवरी की शाम को पठानकोट के एक होटल में उनकी संदिग्ध हाल में मृत्यु हुई।उनका शव सेना के दो जवान और भाई के साथ कुछ रिश्तेदार लेकर पहुंचे। जैसे ही शव घर पहुंचा तो वहां बहुत से ग्रामीणों की भीड इकट्ठा हो गए।लेकिन उनके संग कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा तो परिजनों ने शव का दाहसंस्कार करने से ही मना कर दिया।

इसके बाद थानाध्यक्ष ने उपजिलाधिकारी राजातालाब उदयभान सिंह को सूचना दी तो वे वहां पहुंचे।परिजनो ने उनके सामने कुछ मांगे रखी। कि मृतक को शहीद का दर्जा दिया जाए। साथ ही एक सड़क का नाम उनके नाम पर बनाया जाए।इसके साथ साथ उन्होंने परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी और मुआवजा देने की मांग भी की।

इस बात पर बहुत देर बहस हो रही थी।उतने ने वहां रोहनिया विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह भी आ पहुंचे।विधायक द्वारा मृत की बेटी नेहा की जिलाधिकारी से बात करवाई जिन्होंने सभी मांगों को लिखित रूप से उपजिलाधिकारी को देने की बात कही।

तब कहीं जाकर परिवार के लोग और ग्रामीणों को विश्वास दिलाया गया कि एक सड़क का नाम शहीद श्यामजी यादव मार्गबाहर होगा और मुख्य रास्ते पर भी शहीद द्वार श्यामजी यादव के नाम से बनाया जाएगा।इसके बाद सभी लोग माने।शव का अंतिम संस्कार मणिकर्णिका घाट पर किया गया।

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