सरकार द्वारा गरीब परिवारों के लिए बहुत सी योजनाएं चलाई जा रही है जिसमे से एक है गरीब कल्याण योजना जिसके तहत गरीब परिवारों को राशन दी जाती है।लेकिन इस योजना का गलत फायदा अमीर लोग भी उठा रहे है।अब इस बात का पता सत्यापन अभियान में चला है।जी हां बहुत सी जगहों से फर्जी राशन कार्ड मिले है।जिसमे सबसे ज्यादा कार्ड हिमालयी राज्यों से पाए गए है।इनमे उत्तराखंड सबसे ऊपर है।यहां
वर्ष 2014 से 2021 की अवधि में कुल 6.46 लाख राशन कार्ड रद्द हुए है। यानि पिछले 8 वर्षो में लगभग छह लाख 46 हजार 337 राशन कार्ड फर्जी है।यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सत्यापन अभियान में कार्ड को बायोमैट्रिक प्रणाली और राशन वितरण से पता चला है।
अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश (टीपीडीएस) के तहत उपभोक्ता मानकों से जो राशन कार्ड बाहर है उन्हे रद्द कर दिया गया है।इस बात का खुलासा करने में 2014 में लागू हुए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम ने की,जिसकी वजह से ही सत्यापन अभियान चलाया गया। उत्तराखंड में सबसे अधिक फर्जी कार्ड पाए गए है तो वहीं हिमालयी राज्यों में मिजोरम में सबसे कम 4103 राशन कार्ड रद्द हुए है।
सचिव खाद्य एवं आपूर्ति भूपाल सिंह मनराल के अनुसार इस फर्जीवाड़े से जहां खाद्य सामग्री का दुरुपयोग हुआ तो साथ ही इस सार्वजनिक वितरण प्रणाली से लोगों को लाभ मिल रहा है।यदि जो व्यक्ति अंत्योदय या गरीबी रेखा से नीचे आते है,उनके राशन कार्ड में बदलाव किया जाता है या उन्हें रद्द किया जाता है। पिछले कई सालों में विभाग द्वारा लाखों फर्जी राशन कार्ड रद्द किए गए है।अब एक बार फिर प्रदेश भर में राशन कार्डों के सत्यापन का अभियान चलाया जाएगा।
हिमालयी राज्यों में रद्द हुए जाली राशन कार्डों का ब्योरा
देश में कुल 4,28,01,585 फर्जी राशन कार्ड पाए गए जिनमे से
मिजोरम में 4,103 राशन कार्ड फर्जी
हिमाचल में 65,694 राशन कार्ड फर्जी
मणिपुर में 61,198 राशन कार्ड फर्जी
त्रिपुरा में 1,91,793 राशन कार्ड फर्जी
जम्मू-कश्मीर में 85,859 राशन कार्ड फर्जी
अरुणाचल में 5,626 राशन कार्ड फर्जी
मेघालय में 13,109 राशन कार्ड फर्जी
नागालैंड में 45,347 राशन कार्ड फर्जी
असम में 3,40,831 राशन कर्ड फर्जी
उत्तराखंड में 6,46,337 राशन कार्ड फर्जी