किसी भी क्षेत्र की बात हो तो उत्तराखंड के युवा हर क्षेत्र में आगे रहते हैं अक्सर उत्तराखंड के युवा डिफेंस लाइन में जाने के लिए अपनी छोटी उम्र से ही बेताब रहते हैं और अपने अदम्य साहस के कारण खूब सुर्खियां भी बटोरते हैं अपने साहस हिम्मत और मेहनत के कारण ही यह सभी युवाओं के लिए आदर्श बनते हैं
ऐसे ही भारतीय सेना के जवान जिनका नाम देवेश जोशी है उन्हें शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया बता दें कि देवेश जोशी उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के गणाई गंगोली से है वर्तमान में वह खटीमा में रहते हैं उनके पिता का नाम गिरीश जोशी है वे स्कूल शिक्षक हैं वहीं उनकी माता ग्रहणी है
बता दे कि झारखंड के देवघर में हुए रोपवे ट्रॉली हादसे में उन्होंने अपने पराक्रम और साहस के कारण 21 पर्यटकों की जान बचाई थी उस समय ट्रॉली फंसने के कारण उन्होंने एक ऑपरेशन त्रिकुट चलाया था जिसके कारण उन्होंने सभी पर्यटकों को सुरक्षित वहां से बाहर निकाला इस टीम की अध्यक्षता कैप्टन देवेश जोशी ही कर रहे थे
वह क्रोलिंग करके पहले ट्रॉली पर पहुंचे फिर वहां से एक-एक करके सभी पर्यटकों को बाहर निकाला उनके इस साहसिक कार्य के लिए उन्हें शौर्य पुरस्कार से राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया साथ ही उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें शौर्य पुरस्कार मिलने से उन्हें बधाई दी है साथ ही उनका परिवार शौर्य पुरस्कार मिलने के कारण काफी खुश है।