उत्तराखंड से एक बेहद दुखद खबर सामने आ रही है बताया जा रहा है कि नेहरू पर्वतारोहण निम के डॉकरानी बामक ग्लेशियर में द्रोपदी डांडा -2 पर्वत पर हिमस्खलन की वजह से 10 पर्वतारोहियों की मौत हो चुकी है वही 8 को रेस्क्यू कर लिया गया है और 21 लोग अभी लापता है
बताया जा रहा है कि द्रोपदी डांडा-2 पर्वत पर पर्वतारोहण की बेसिक और एडवांस की ट्रेनिंग चल रही थी जिसमें बेसिक ट्रेनिंग में 97 परीक्षार्थी और 24 परीक्षक के साथ निम के एक अधिकारी समेत कुल 122 लोग थे और एडवांस ट्रेनिंग में 44 परीक्षार्थी और 9 प्रशिक्षक समेत कुल 53 लोग शामिल थे।
बताया जा रहा कि इनमें से 29 लोग एवलांच की चपेट में आ गए जिनमें से 10 लोगों की मृत्यु हो गई और वही 8 लोगों का रेस्क्यू कर लिया गया है और 21 लोगों का रेस्क्यू का कार्य चल रहा है इस राहत कार्य में एसडीआरएफ एनडीआरएफ और आईटीबीपी के जवानों को लगाया गया है और वही रेस्क्यू मे हेलीकॉप्टर की मदद भी ली जा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इस राहत कार्य में तेजी लाने की अपील की है राजनाथ सिंह ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा है कि वह हर संभव मदद देने का प्रयास करेंगे वही 2 दिनों के लिए राजनाथ सिंह उत्तराखंड के दौरे पर निकलने वाले हैं वे उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित माणा और औली गांव मैं जाकर चीन बॉर्डर पर जवानों के साथ दशहरा मनाएंगे