
उत्तराखंड के चमोली जिले में एक विशेष शादी ने समाज में संवेदनशीलता और जागरूकता की नई मिसाल पेश की। वर-वधू अंशुल भट्ट और मानसी ने अपने विवाह में एक अनूठी पहल करते हुए अनाथ बच्चों को मुख्य बाराती के रूप में आमंत्रित किया।
10 और 11 दिसंबर को कर्णप्रयाग में आयोजित इस समारोह में अखिल भारतीय सेवा अभियान हॉस्टल के 40 बच्चों को मुख्य अतिथि और बाराती के रूप में शामिल किया गया। इन बच्चों का स्वागत फूल-मालाओं और पारंपरिक नृत्य-संगीत के साथ किया गया। इसके अलावा, उन्हें गर्म कपड़े और अन्य उपहार भी भेंट किए गए। यह प्रयास न केवल दिल छूने वाला था, बल्कि समाज के प्रति जागरूकता का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी बना।
मॉकटेल का प्रावधान: शराब परोसने की परंपरा को दी चुनौती
इस शादी में मेहंदी समारोह के दौरान शराब परोसने की परंपरा को समाप्त करते हुए मॉकटेल परोसी गई। मेहमानों को गर्म दूध, हनी लेमन टी और हॉट चॉकलेट जैसे स्वास्थ्यवर्धक पेय पेश किए गए। आयोजक रामकृष्ण भट्ट ने कहा कि शादी समारोहों में बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे और युवा शामिल होते हैं। ऐसे आयोजनों में शराब परोसने से नशे की आदत को बढ़ावा मिलता है, जो समाज के लिए हानिकारक है। इसीलिए मॉकटेल का विकल्प चुना गया।
यह शादी केवल एक समारोह नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने का प्रयास बन गई। इस अनोखी पहल ने चमोली ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड में एक प्रेरक संदेश फैलाया।