
उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन (CAU) पर बीते तीन सालों (2022-2024) में 25 करोड़ रुपये गबन के गंभीर आरोप लगे हैं। क्रिकेट के क्षेत्र में उत्तराखंड का नाम बनना शुरू ही हुआ था कि इस तरह की खबरें सामने आने लगीं। पुलिस ने इस मामले में 70% जांच पूर्ण कर ली है। आरोप साबित होने पर एसोसिएशन के उच्च अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज हो सकता है।
कर्मचारियों की शिकायत से खुला मामला
उत्तराखंड पुलिस को क्रिकेट एसोसिएशन के ही कुछ कर्मचारियों ने शिकायत दी, जिसमें अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष और सीईओ पर वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए गए। इनका आरोप है कि 2022 से 2024 के बीच नियमों को ताक पर रखकर लगभग 25 करोड़ रुपये की धनराशि का दुरुपयोग किया गया।
पूर्व अध्यक्ष के कार्यकाल पर भी उठे सवाल
यह भी आरोप लगाया गया कि एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष का कार्यकाल नियमों के खिलाफ बढ़ाया गया था। एसोसिएशन के प्रमुख उच्च पदाधिकारियों में जोत सिंह गुनसोला (अध्यक्ष), धीरज भंडारी (उपाध्यक्ष), महिम वर्मा (महासचिव), सुरेश सोनियाल (संयुक्त सचिव), मानस मिंगवाल (कोषाध्यक्ष) और संतोष गैरोला (सदस्य, शीर्ष परिषद) शामिल हैं।
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी?
पुलिस जांच का नेतृत्व कर रहे सीओ सदर ने बताया कि एसोसिएशन के पदाधिकारियों पर लगे वित्तीय घोटाले के 70% आरोपों की जांच पूरी हो चुकी है। प्रारंभिक जांच में कई अनियमितताएं सामने आई हैं। यदि आरोप सत्य पाए गए, तो इन सभी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
भविष्य पर मंडराते सवाल
उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन, जो अभी अपनी शुरुआती दौर में है, पर लगे इस तरह के घोटाले के आरोप ना केवल संस्था की साख पर बट्टा लगाते हैं, बल्कि खिलाड़ियों के भविष्य पर भी प्रश्नचिह्न खड़े करते हैं। पुलिस की जांच का आखरी नतीजा आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।