
उत्तराखंड सरकार ने विद्यार्थियों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए महत्वपूर्ण पहल की है।जिसमें प्रदेश के 603 प्राथमिक और 76 उच्च प्राथमिक स्कूलों का कायाकल्प करने की तैयारी है। इस निर्णय के परिणामस्वरूप, आस-पास के जितने भी विभिन्न स्कूलों से आने-जाने वाले 13,691 विद्यार्थियों को प्रतिदिन प्रति छात्र 100 रुपये प्रदान किए जाएंगे। इस संबंध में, शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान ने जिलाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।बता दे कि इस पहल से न केवल 603 प्राथमिक और 76 उच्च प्राथमिक स्कूल उत्कृष्ट होंगे, बल्कि 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले विद्यालयों के हजारों छात्र भी लाभ उठा सकेंगे। बताते चले कि उत्तराखंड सरकार की इस पहल से प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। इन स्कूलों में RTE के मानकों के अनुसार शिक्षकों की तैनाती की जाएगी, जिससे छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सके।
इस योजना के तहत, स्कूलों में पर्याप्त शिक्षकों की नियुक्ति से छात्रों की शैक्षिक जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी और उन्हें बेहतर शैक्षिक माहौल मिलेगा। इसके साथ ही इन विद्यालयों को और अधिक विकसित बनाने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे जिसमें स्मार्ट क्लास और पुस्तकालय की स्थापना से छात्रों को आधुनिक शिक्षा मिलेगी। वहीं खेल मैदानों का विकास करके छात्रों को शारीरिक गतिविधियों के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
इसके अलावा, आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त कक्षा कक्ष और बालवाटिका का भी निर्माण किया जाएगा, जिससे छात्रों को बेहतर शैक्षिक माहौल मिल सके। आपको बता दे कि छात्रों की परिवहन संबंधी समस्याओं का समाधान करने के लिए उत्तराखंड सरकार एक प्रभावी कदम उठा रही है जिसमें चयनित उत्कृष्ट विद्यालयों के लिए जिलास्तर पर एक 11 सदस्यीय समिति बनाई जाएगी, जो जिलाधिकारी की अध्यक्षता में काम करेगी जिसमें,मुख्य विकास अधिकारी इस समिति के सदस्य सचिव होंगे।
वहीं राज्य के ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में कई ऐसे स्कूल हैं जहां छात्रों को स्कूल पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, कई किलोमीटर का सफर पैदल तय करने से छात्रों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप इन स्कूलों में छात्रों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है।इस योजना के तहत, हर दिन प्रत्येक छात्र को 100 रुपये दिए जाएंगे, जिसका उपयोग वे अपनी जरूरतों के अनुसार कर सकते हैं। सरकारी निर्देश के अनुसार, जिला शिक्षाधिकारी और जिला अधिकारी संयुक्त रूप से राजकीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना करेंगे।