जैसा कि आप सब जानते ही हैं कि आज प्रवासी भारतीय दिवस है। इसलिए आज हम आपको उत्तराखंड के एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें देख कर क्षेत्र के लोग उनसे काफी प्रभावित हुए हैं। उत्तराखंड के उस व्यक्ति का नाम है शूरवीर सिंह तोमर और वह टिहरी के रहने वाले हैं। शूरवीर की उम्र अब 65 वर्ष हो गयी है। वह आज भी अपने क्षेत्र के विकास और युवाओं के लिए रोजगार में काफी सहायता करते रहते हैं। शूरवीर अपने क्षेत्र के पहले ऐसे व्यक्ति है जो रोजगार के लिये विदेश गए थे। आज से लगभग 4 दशक पहले वह रोजगार के लिए विदेश गए थे। साल 1984-1985 के बीच शूरवीर नौकरी करने के लिए माल्टा चले गए थे, कुछ साल वहां काम करने के बाद वह वापस मुम्बई लौट आये थे। मुम्बई में उन्होंने होटल अम्बेसडर में काम किया, लेकिन उनकी जिंदगी तब बदली जब एक बार ओमान के सुल्तान का कुक स्टाफ होटल आया था। होटल में शूरवीर का काम सुल्तान के कुक स्टाफ को इतना पसंद आया कि उन्होंने शूरवीर को मस्कट आने का न्यौता दिया। फिर शूरवीर मस्कट चले गए जहां वह सुल्तान का किचन संभालने लगे।
धीरे धीरे शूरवीर महल के खास कर्मचारियों में शामिल हो गए और वहीं से उनकी तरक्की शुरू हुई। सुल्तान के साथ उन्होंने लगभग 15 देशों की यात्रा की फिर उनका परिवार भी विदेश चला गया। शूरवीर ने मस्कट में सुल्तान के महल पर लगभग 30 साल काम किया जिसके बाद वह वापस भारत आ गए। उनके क्षेत्र के लोगों का कहना है कि शूरवीर कभी भी अपने गाँव को नहीं भूले। वह अक्सर गाँव वालों के लिए विदेश से तोहफे भेजा करते थे। गाँव वालों का कहना है कि वह बहुत ही गौरव से लोगों को कहते थे कि शूरवीर राजा के साथ उनके महल में रहता है।
आपको बता दें, शूरवीर अब रिटायर हो गए हैं और अपने परिवार के साथ अब दिल्ली में रहते हैं। उनके दो बेटे हैं। बाद बेटा पेशे से इंजीनियर है और वह भी अपने परिवार के साथ सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं। शूरवीर का छोटा बेटा एक होटल में अधिकारी है। शूरवीर का कहना है कि उन दिनों गाँव में रोजगार का कोई साधन ना होने के कारण उन्हें विदेश जाना पड़ा था। आज उन्हें देखते देखते क्षेत्र के लगभग 500 से 600 लोग नौकरी के लिए विदेश जा चुके हैं। शूरवीर सिंह तोमर हर उस व्यक्ति के लिए एक मिसाल है जो रोजगार के लिए विदेश जाते हैं। क्योंकि विदेश में रहने के बावजूद भी वह कभी अपने देश को नहीं भूले। भले ही वह देश से बाहर थे लेकिन देश हमेशा उनके दिल मे ही रहा।