सेना भर्ती में 25 जिलों की बेटियों ने दिखाया अपना हुनर…

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Daughters of 25 districts showed their skills in army recruitment

अब सरहद पर बेटों के साथ – साथ बेटियां भी अपनी ताकत का हुनर दिलायेगी। बेटियां सेना में भर्ती होकर चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मन देशों को मुंहतोड़ जवाब देने को बहुत बेताब हैं। उनका यह जज्बा सोमवार को महिला सैन्य भर्ती में दिखाई दिया। दौड़, ऊंची कूद व लम्बी कूद की शारीरिक परीक्षा पास कर पहली सीढ़ी पार कर ली।

आरओ मुख्यालय भर्ती जोन, उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड द्वारा सोमवार को एएमसी सेंटर एवं कालेज स्टेडियम पर भर्ती रैली की शुरुआत हुई। इस भर्ती रैली की सूचना 27 जुलाई को अपलोड हुई थी। पहले दिन उत्तर प्रदेश के 25 जिलों से 1969 अभ्यर्थियों को आमंत्रित किया गया था। संबंधित जिलों की बेटियां रात से ही एएमसी स्टेडियम के गेट पर डेरा डाल दिया। सुबह पांच बजे से ही प्रवेश प्रारम्भ हो गया था और सभी अभ्यर्थियों को कोविड फ्री प्रमाण पत्र लेकर बुलाया गया था। इसके बाद भी थर्मल स्कैनिंग और प्रवेश पत्र की जांच होने के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया गया।
सुबह आठ बजे करीब पहली परीक्षा 1600 मीटर की दौड़ शुरू हुई। अभ्यर्थियों ने पूरी क्षमता से अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। इसके बाद दस फुट लम्बी कूद और तीन फुट ऊंची कूद को लांघ कर पहली बाधा पार कर ली। चयनित अभ्यर्थियों का अब लिखित परीक्षा होगी। इस भर्ती में कुल 5898 अभ्यथिर्यों ने पंजीकरण कराया है। इसमें 5573 प्रदेश से व 325 उत्तराखण्ड के थे।

भर्ती में शामिल होने के लिए आई लगभग 70 अभ्यर्थियों के पास कोविड फ्री का प्रमाण पत्र नहीं था।कोविड को लेकर सतर्कता बरती गई। सेना ने ऐसे लोगों के लिए पहले से तैयारी की थी। उनकी मौके पर जांच हुई और जांच में सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई। फिर उनको भर्ती में शामिल होने के लिए प्रवेश दिया गया। एडीजी रिक्रूट मेजर जनरल एनएस राज पुरोहित ने कहा कि भर्ती में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है और हर प्वाइंट पर सीसीटीव कैमरे भी लगाए गए हैं। दौड़ में सफल अभ्यर्थियों की बायोमैट्रिक कराई जा रही है जिससे किसी प्रकार का घपला न हो पाए।
इस भर्ती में ज्यादातर अभ्यर्थी किसान की बेटियां थी और उनमें बचपन से सेना में शामिल होने का सपना था। इसके लिए वह लम्बे समय से मेहनत कर रही थी।

रायबरेली की बबिता सिंह, संतकबीरनगर की सोनी अगहरी और रायबरेली की भारती यादव आदि ने कहा कि वह दुश्मन को ठिकाना लगाने को बेताब है और सीमा पर तैनात होकर वह मुंहतोड़ जवाब देना चाहती है और अपनी देश की रक्षा ईमानदारी से करना चाहती है।

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