जालसाजी व धोखाधड़ी के कई मामले आए दिन सुनाई देते है लेकिन आज झारखंड से एक बड़ी खबर आ रही है। यहां एक व्यक्ति ने अपनी फर्जी जानकारी देकर सेना में नौकरी हासिल की। नौकरी ज्वॉइन करने के बाद उसकी जानकारी के बारे में सच्चाई बाहर आई।जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज की गई।वह सेना में सिपाही के पद पर तैनात था।अभी आरोपी फरार है। उस पर जालसाजी व धोखाधड़ी का मामला दर्ज है।
झारखंड के गुमला जिला के थानाध्यक्ष अभिनव कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि दानापुर के फर्जीवाड़ा कर सेना में एक युवक सिपाही का वारंट लेकर झारखंड पुलिस वहां पहुंची लेकिन वह अभी फरार चल रहा है।उन्होंने बताया कि आरोपी गुमला जिला के पोटरो गांव का निवासी है।आरोपी का नाम रविंद्र साहू है।
जांच के दौरान पता चला कि रविंद्र साहू ने सेना में अपना नाम ज्योति भगत, पिता योगेंद्र भगत का नाम साकिन भंडारटोली, थाना सिसई बताया।सेनाधिकारी ने उससे कुछ कागजातों की जानकारी देने की बात कही थी।जिसके बाद सारी जानकारी गलत होने की बात सामने आई है। पुलिस के द्वारा इस बात पर आरोपी को सेना की ओर से पत्र भी दिया गया।
आरोपी पर अंचलाधिकारी रंजीता टोप्पो ने 16 जून, 2011 को झारखंड के सिसई थाने में यह मामला दर्ज कराया था।वर्ष 2014 में सेना के द्वारा पता चला कि आरोपी बिहार रेजिमेंट के आरआर बटालियन में सिपाही के पद पर है।वह अपने फर्जी नाम-पाते से सेना में भर्ती हुआ। आरोपी के खिलाफ गुरुवार को वारंट पुलिस दानापुर पहुंची। लेकिन पता चला कि आरोपी पिछले कई महीनों से फरार है।इस मामले में कुर्की की भी करवा चुकी है।न्यायालय ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है।