उत्तराखंड के उधम सिंह नगर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है जहां, पुलिस ने 2 बांग्लादेशी महिलाओं के निवास का पता लगाया है और आपको बता दें की, इस मामले में पुलिस के भी होश उड़ा गए हैं। आपको जानकारी दे दी की, ये दोनो बांग्लादेशी महिलाएं उत्तराखंड में 2007 से रह रही हैं। और हैरान कर देने वाली बात ये है की, इनमे से एक महिला, आशा कार्यकर्ता के रूप में काम करती है। बताया जा रहा है की, दोनो महिलाओं के पास आधार कार्ड, राशन कार्ड और पैन कार्ड सब कुछ है।
जानकारी मिली है की, इस मामले में जिलाधिकारी के निर्देश पर मामले की त्वरित कार्यवाही की जा रही है। वहीं जिलाधिकारी के निर्देश पर, जांच के लिए 4 सदस्य टीम भी गठित की गई है। जानकारी मिली है की, ये दोनो बांग्लादेशी महिलाएं 2007 से ही जसपुर में रह रही थी और जुलाई 2007 से दोनों बांग्लादेशी महिलाएं माजदा बेगम और दिलबरी बेगम अनधिकृत रूप से उत्तराखंड के यूएस नगर में थीं।
हैरान करने वाली बात ये है की, ये दोनो महिलाओं के पास इंडिया की नागरिकता नही हैं तो ये यहां इतने सालों से केसे रह रही थी। इसके अलावा दोनों के वोटर आईडी कार्ड और आधार कार्ड भी जब्त कर लिए गए हैं। बताया जा रहा है की, इन दोनों प्रमाणपत्रों के आधार पर ही दोनो दिलबरी बेगम द्वारा आशा कार्यकर्ता के रूप में काम भी किया जा रहा था। इस मामले में जिलाधिकारी ने सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दे दिए हैं और दोनों ही महिलाओं के सभी अवैध बनाए गए प्रमाण पत्रोंको निस्तारित करने का निर्देश भी दे दिया है। जांच के दौरान पता चला की दिलबरी बेगम 1999 में भारत आई थी। वर्ष 2001 में उसकी शादी हुई और उसका एक बेटा भी है। उसके बाद से वह 2007 से उधम सिंह नगर में रह रही है।
जानकारी मिली है की महिला ने प्रशासन से भारत की नागरिकता देने और वापस बांग्लादेश नहीं भेजने की गुहार लगाई है।आपको बता दें की, जिलाधिकारी रंजना राजगुरु की ओर से प्रार्थना पत्र के नागरिकता संबंधी तथ्यों की सत्यता जांचने के लिए 4 सदस्य टीम गठित की गई है, और यह टीम इस मामले की गहराई से जांच पड़ताल करेगी। वहीं बताया जा रहा है की, 22 अप्रैल तक कमेटी को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी। कमेटी जल्द ही दोनो महिलाओं से उनके बयान दर्ज करेगी। बताया जा रहा है की, दोनों महिलाओं ने बांग्लादेश ना जाने की गुहार लगाई है और वहीं उन दोनो को भारत की नागरिकता देने की अपील की है। इस पूरे मामले पर कड़ी कार्यवाही की जा रही है।