सेना भर्ती घोटाले पर आर्मी चीफ ने दिया बयान.. अधिकार न होने के कारण हमने CBI को जांच सौंपी ….

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Army chief naravane speak about the army questions paper leaked and selection process and case give to cbi

मंगलवार को आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने सेना भर्ती घोटाले पर बयान जारी किया है। आपको बता दें की, उन्होंने कहा कि इस फर्जीवाड़ें की जांच सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन से कराना जरूरी था,क्योंकि CBI के जांच करने से पहले एक इंटरनल जांच भी की गई थी, जिसमे काफी कुछ स्पष्ट हो गया था, लेकिन हमारे पास गहराई से जांच कराने के अधिकार नहीं थे, इसलिए हमने CBI को यह केस दिया। वहीं उन्होंने आगे कहा कि, भर्ती में कई जगह पर खामियां पाई गईं थीं, जिस से परीक्षा से पहले ही पेपर लीक कर दिए गए थे।ऑफिसर्स के सिलेक्शन की प्रक्रिया में भी फर्जीवाड़ा किया गया था। इस प्रक्रिया में शामिल स्टाफ और सर्विस सिलेक्शन बोर्ड के लोग भी इसमें मिले हुए थे, और बैंक के जरिए फर्जीवाड़े में पैसों का लेन-देन हुआ था। हमारे पास कुछ कॉल रिकॉर्ड सामने आए थे, जिससे और भी लोगों के शामिल होने का पता चला।

CBI ने देशभर में 15 मार्च को, 30 स्थानों पर छापेमारी की थी। जिसमे 17 आर्मी ऑफिसर्स के खिलाफ FIR भी दर्ज की गई थी। इनमें लेफ्टिनेंट कर्नल, मेजर, नायब सूबेदार और सिपाही रैंक के आर्मी ऑफिसर शामिल थे। CBI बेस हॉस्पिटल, कैंटोनमेंट और सेना के अन्य प्रतिष्ठानों पर जांच की थी। जांच एजेंसी ने कपूरथला,लखनऊ, भठिंडा, कैथल, दिल्ली, पलवल, बरेली, जयपुर, गोरखपुर, गुवाहाटी, जोरहाट, विशाखापत्तनम और चिरांगोन से कई दस्तावेज बरामद किए थे।

वहीं CBI ने दिल्ली छावनी में तैनात , लेफ्टिनेंट कर्नल एमवीएसएनए भगवान, आर्मी एयर डिफेंस कॉर्प्स विशाखापट्टनम, मेजर भावेश कुमार, ग्रुप टेस्टिंग ऑफिसर,नायब सूबेदार कुलदीप सिंह, 31 SSB सिलेक्शन सेंटर नॉर्थ, कपूरथला के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। सेना में सर्विस सिलेक्शन बोर्ड के जरिए अधिकारियों और अन्य रैंक की भर्तियों में रिश्वत के आरोप लगे थे। पंजाब के कपूरथला में सैन्य अफसरों की भर्ती में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, वहीं इस मामले में कई जांच एजेंसियों की शामिल होने की खबर थी इसलिए सेना ने मामले की जांच CBI से कराने का फैसला किया था।

इसके बाद आर्मी चीफ ने कहा की, भारत और चीन के ऊपर बोला की हमने अपनी एक भी इंच जमीन नहीं गंवाई है। हम आज भी उसी स्थिति पर हैं, जिस स्थिति में स्टैंडऑफ से पहले थे।और कमांडर लेवल की 9वीं बातचीत में दोनों देशों की सेनाओं ने कुछ बातों पर सहमति जताई है। और 10 फरवरी से दोनों देशों की सेनाओं ने पैंगोंग त्सो और कैलाश रेंज से पीछे हटना शुरू कर दिया था। वहीं उन्होंने कहा की, LoC के उस पार आज भी आतंकी ठिकाने मौजूद हैं। आतंकी घटनाओं को कम करने के लिए उन्हें हटाना जरूरी है, और LoC पर बर्फ पिघलने के बाद ही हम आसानी से उनकी स्थिति स्पष्ट कर सकेंगे।

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