एक ओर जहां लोग उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जानती है तो वहीं दूसरी ओर इसे सेन्यभूमि के नाम से भी जाना जाता है। उत्तराखंड को सेन्यभूमि इसलिये भी कहा जाता है क्योंकि देश की सेना में हर पाँचवा जवान देवभूमि का लाल है। इसलिये राज्य में सैन्य धाम की मांग काफी समय से चल रही थी। वैसे तो राज्य में 4 धाम पहले से ही है लेकिन अब पाँचवा धाम सैन्य धाम के नाम से जल्द बनने की उम्मीद है।
देहरादून में बनाये जाने वाले सैन्य धाम के लिये 50 बीघा जमीन चिंहित की गयी है। यह धाम देहरादून के शिप्रा विहार में जनरल हनुत सिंह की समाधि के पास बनाया जाएगा। धाम को बनाने की घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की थी। शहीदों के घरों से मिट्टी लाई जाएगी और उस मिट्टी से सैन्य धाम का निर्माण किया जायेगा।
बता दे, सबसे पहले चमोली के दूरस्थ गांव सबाड़ और पिथोरागढ़ के धारचूला गाँव से मिट्टी मंगवायी जायेगी। ऐसा इसलिये क्योंकि राज्य में सबसे अधिक गैलेंटियर्स अवार्ड प्राप्त सैनिक इन्ही दोनों क्षेत्रों से है। सैन्य कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने 10 दिनों के अंदर सैन्य धाम का रोडमैप बनाने के निर्देश दिये हैं।
आदेश के अनुसार पहले विश्वयुद्ध से लेकर अब तक जितने भी उत्तराखंड के सैनिक शहीद हुए हैं। सभी के घरों पर जाकर उनके परिवार को सम्मान पत्र दिया जायेगा। इसके साथ साथ उन जगहों पर विश्राम गृह बनाये जाएंगे जहां सैनिकों का आना जाना अधिक रहता है। पुराने जर्जर सैनिक गृहों को मरम्मत कराने का प्रस्ताव भी जारी किया गया है।