शनिवार दोपहर छत्तीसगढ़ में नक्सली हमला हुआ था। इस हमले में सेना के कई जवान शहीद हुए। हमले में चंदौली के बड़ागांव निवासी और सेना के जवान धर्मदेव कुमार भी शहीद हो गये। शहीद के पिता का नाम रामाश्रय गुप्ता है। वह उनके 3 पुत्रों में सबसे बड़े थे। परिजनों ने बताया कि शहीद धर्मदेव ने 15 दिन पहले ही कहा था कि वह जल्द ही घर आने वाले हैं। लेकिन ककसी पता था कि वह घर घर तो आयेंगे लेकिन उनके नाम के आगे शहीद जुड़ जायेगा।
शहीद जवान धर्मदेव अभी केवल 32 वर्ष के थे। उनकी शादी रामनगर के मीना देवी से हुई थी। उनके दो बेटियाँ भी है एक 8 वर्ष की और दूसरी 2 साल की। शहीद की पत्नी मीना गर्भवती भी है। परिवार में बेटे की खबर सुनकर शौक मच गया है। जवान के दो बड़े भाई और है। सबसे छोटा भाई भी सीआरपीएफ में जवान है और उनकी पोस्टिंग भी छत्तीसगढ़ में ही है। जबकि बीच वाले भी की किराना की दुकान है। बड़े भाई के शहीद होने की खबर सुनते ही छोटा भाई भी रविवार की शाम घर लौट आये। शहीद की माता और पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है।
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जवान के दोस्तों ने बताया कि की उनका बचपन से ही सेना में भर्ती होने का सपना था। सपने को साकार करने के लिए उन्होंने अपनी दौड़ पर काफी ध्यान दिया। उन्होंने न सिर्फ खुद बल्कि अपने छोटे भाई को भी सेना में भर्ती होने के लिये प्रेरित किया। फलस्वरूप साल 2012-13 में दोनो भी सीआरपीएफ में भर्ती हो गये। अपनी मेहनत से धर्मदेव कुछ साल पहले ही कोबरा बटालियन में भी कमांडो बन गये थे। जिसके बाद उनकी पोस्टिंग छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुई। बता दें, बीजापुर में ही शनिवार को नक्सली हमला हुआ था।