कोबरा बटालियन में युवा अफसरों की कमी हुई जिसे खुद सीआरपीएफ ने स्वीकार किया। मजबूरन अब कोबरा फ़ोर्स में जॉइन होने की आयु सीमा को बढ़ाना पड़ा। फ़ोर्स में जॉइन होने की आयु सीमा बढ़ाकर 48 वर्ष कर दी गयी है। पहले यह आयु सीमा 30 से 35 वर्ष थी। अब कोबरा फोर्स का “यंग प्रोफाइल” ढांचा बदल रहा है।
युवाओं में पहले कोबरा बटालियन में शामिल होने का बहुत जोश था। कोबरा यूनिट में शामिल होने के लिये पहले जवानों के बीच काफी कंपीटिशन था। लेकिन अब जवानों का पहले वाला जोश कम हो गया। नये अफसर और जवान अब फोर्स में शामिल होने के लिये कतराते हैं।
सीआरपीएफ की कोबरा कमांडो जंगल युद्ध कला में उत्तीर्ण है। कोबरा कमांडो कई मामलों में अमेरिकी मरीन कमांडोज से भी आगे निकल गयी है। जंगल में 45 किलोमीटर की दूरी तय करने में मरीन कमांडो को 18.9 घँटे लगते है। तो वहीं मरीन कमांडो को केवल 15 घँटे लगते हैं। लेकिन अब देश के यंग ऑफिसर्स और जवान कोबरा कमांडो में शामिल होने से कतरा रहे हैं। ऐसे में फ़ोर्स आयु सीमा बढ़ाने में मजबूर हो गयी है। क्योंकि ऑपरेशनल जरूरतों को भी पूरा करना होता है।
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