अंग्रेजों के जमाने के 250 साल बाद मोदी सरकार पहली बार डिफेंस लैंड पॉलिसी कानून में बदलाव लाने जा रही है। आपको बता दें कि नए नियमों के मुताबिक केंद्र सरकार ने इस कानून में बदलाव की मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब सेना की जमीन पब्लिक प्रोजेक्ट वालों को भी दी जा सकेगी। यानी पब्लिक प्रोजेक्टस के लिए सेना से जो जमीन ली जाएगी उसके बदले उतनी ही वैल्यू के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट करने की इजाजत होगी।
1765 के बाद पहली बार डिफेंस लैंड पॉलिसी में बदलाव किया जा रहा है। डिफेंस लैंड पॉलिसी के मुताबिक सेना की जमीन सिर्फ मिलिट्री के कामों के लिए इस्तेमाल की जाएगी बाहरी कामों पर पाबंदी रहेगी। ALSO READ THIS:गढ़वाल राइफल में 10वी/12वी पास युवाओं के लिए इन पदो पर निकली है भर्ती, ऐसे करे आवेदन..
1801 में ईस्ट इंडिया कंपनी के गवर्नर का आदेश था कि कैंटोनमेंट का कोई भी बंगला और क्वार्टर किसी भी व्यक्ति को नहीं दिया जाएगा सेना से जुड़े व्यक्तियों के अलावा। लेकिन अब 250 साल बाद सरकार इस कानून में बदलाव करने जा रही है रक्षा मंत्रालय के अफसरों का कहना है कि सेना की जमीन मेट्रो की बिल्डिंग, सड़कों, रेलवे और फ्लाइओवर जैसे बड़े पब्लिक प्रोजेक्ट्स के लिए जरूरी है।
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