आखिर फिर से कैसे पहुंची आतंकियों के पास स्टील की गोलियां, सेना अलर्ट पर..

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After all, how did the terrorists reach the steel bullets, on army alert ..

दक्षिण कश्मीर से बड़ी खबर आ रही है।पिछले सप्ताह ही कश्मीर के रावलपोरा नामक कस्बे में सुरक्षाबलों की मुठभेड़ जैश के कुछ आतंकियों से हुई जिसमे उनका कमांडर आतंकी विलायत हुसैन जिसे सज्जाद अफगानी के नाम से भी जाना जाता है वह मारा गया। जब सुरक्षाबलों ने छानबीन की तो उन्हे कमांडर के पास से 36 गोलियां जो की चीन निर्मित स्टील की बनी हुई है,मिली।यह गोलियां बहुत खतरनाक है।यही नहीं इन गोलियां में जवानों की बुलेट प्रूफ जैकेट या सामान्य बुलेफ प्रूफ वाहनों को भेदने की क्षमता है।

इस बार को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा बलों ने बंकरों,अपने वाहनों और बुलेट प्रूफिंग की क्षमता को और मजबूत बना लिया है। अधिकारियों की जानकारी के अनुसार दक्षिण कश्मीर में जो जवान तैनात होंगे उनमें सुरक्षा की एक परत और बढ़ा दी जाएगी। यह एक सीरीज राइफल्स ,गोलियों में चीनी तकनीक से ही हार्ड स्टील कोर की परत चढ़ाई जाएगी।जिससे गोलियों में भेदने की क्षमता बढ़ जाएगी।

साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि जैश कमांडर के पास से जो कारतूस बरामद हुए है,उन्हे आर्मर पियर्सिंग (एपी) कहते है जिन्हे कठोर स्टील या टंगस्टन कार्बाइड से बनाया जाता है।

आपको बता दे इन गोलियों का निर्माण चीन करता है और चीन के इन कारतूसों पर पूरे विश्व में बैन लगा हुआ है, बैन के बावजूद भी चीन इसका निर्माण करता है, और आतंकी मुल्क पाकिस्तान के रास्ते आतंकियों तक पहुंचता है एल।

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