पंजाब के जवानों के किसानों के आंदोलन में भाग लेने की खबर को साफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमे सेना के जवान एक तंबू के नीचे खड़े होकर पंजाब रेजिमेंट के जवान किसानों के साथ नागरिकों के साथ विरोध कर रहे है। ये झूठी खबर है। भारतीय सेना के एक अधिकारी ने कहा कि यूनिट के सैनिक एक जगह से दूसरी जगह जा रहे लोगो के लिए चाय का इंतज़ाम कर रहे थे। इस वीडियो को देखकर अगर ये कहा जा रहा है कि ये वीडियो पंजाब रेजिमेंट का है तो ये गलत है।
26 नवंबर को किसानों ने किया था आंदोलन- पिछले साल 26 नवंबर 2020 को अपनो मांगों को पूरा करवाने के लिए दिल्ली की सीमा पर धरना लगा कर बैठे। वही केंद्र और राज्य सरकार काफी कोशिशों के बाद भी कृषि कानून को हटाने के लिए अड़े हुए है। किसानों के तीनों कानूनों को कॉर्पोरेट समर्थक बताते हुए फसलों पर लाभकारी एमएसपी को कानूनी अधिकारी बनाने के लिए कहा है।
किसानों के आंदोलन ने देशभर में रेल रोकने के लिए कहा- 26 अक्टूबर को एसकेएम ने लखीमपुर खीरी लखनऊ में किसान मोर्चा महापंचायत करने के लिए कहा है। इसके साथ 18 अक्टूबर को पूरे देश मे भारतीय रेल रोकने और अजय मिश्रा और आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी और इस्तीफे की मांग की है। किसानों के नेता राकेश टिकैत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल्ली में चल रहे महीने के कृषि कानून के खिलाफ जाकर 750 किसानों की मौत पर संसद में दुख जताने के लिए कहा।