कोरोना संकट के बीच एक बार फिर भारतीय सेना मदद के लिये सामने आई है। अस्पताल बनाने से लेकर विदेश से ऑक्सीजन लाने तक सभी कार्यों में भारतीय सेना देशवासियों की मदद कर रही है। लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानितकर ने कहा कि सेना ने अपने 14 रेलवे कोच प्रदान किये हैं। अब इन कोचों में ऑक्सीजन टैंकरों को ले जाया जाएगा।
लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानितकर ने बताया कि शसस्त्र बल को युद्ध में बुरे हालातों से निपटने के लिये नर्सिंग का प्रशिक्षण दिया जाता है। सभी प्रशिक्षित सैनिक कोरोना की इस महामारी में डॉक्टरों और पैरामेडिक्स की सहायता करने में जुटी हुई है। वे ऑक्सीजन टैंकर ले जा रहे 200 ट्रक ड्राइवरों की भी सहायता कर चुके हैं।
महामारी के इस दौर में भारतीय वायुसेना भी मदद करने में पीछे नहीं है। वे सिंगापुर, दुबई से ऑक्सीजन टैंकरों को ला रही है। बीते दो दिनों में वायुसेना ने कई उड़ाने भरी। पहले वे खाली टैंकरों को एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंचा रहे हैं फिर वहां से उन टैंकरों में ऑक्सीजन भरकर वापस उड़ान भर रहे हैं। कोरोना के खिलाफ इस युद्ध को जीतने के लिये देश की सेना जी जान से मदद करने में जुटी हुई है।
भारतीय नौसेना भी कोरोना की इस जंग में देशवासियों की मदद कर रही है। नौसेना ने एक विशेष अभियान की शुरुआत की है। जिसके अंतर्गत वे आक्सीजन से भरे क्रायोजेनिक कंटेनर विदेश से देश में ला रहे हैं। बता दें, इस समय नौसेना के युद्धपोत थाईलैंड, सिंगापुर और बहरीन से आक्सीजन लेकर आ रही है। पिछले साल भी लॉकडाउन के दौरान जब कई भारतीय विदेशों में फंस गए थे। उस समय भी नौसेना वंदे भारत मिशन के अंतर्गत समुद्र मार्ग से विदेशों में फंसे भारतीयों को देश में वापस लायी थी।
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