शहीद हुए हवलदार बिशन नेगी, चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में हो गए थे घायल…

बात 15 व 16 जून की है जब चीन व भारत की सेना आमने सामने हो गयी थी। तब 16 बिहार रेजिमेंट के कर्नल चीनी सेना के साथ बातचीत करने पहुँचे लेकिन चीनी सेना ने हर बार की तरह विश्वास घात किया

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injured soldier bishan singh negi shaheed

बात 15 व 16 जून की है जब चीन व भारत की सेना आमने सामने हो गयी थी। तब 16 बिहार रेजिमेंट के कर्नल चीनी सेना के साथ बातचीत करने पहुँचे लेकिन चीनी सेना ने हर बार की तरह विश्वास घात किया और भारतीय सेना के कर्नल के साथ झड़प कर ली जब सैन्य टुकड़ी को इस बात की कानोंकान खबर हुई तो अपने पितातुल्य संम्मानित कर्नल की रक्षा के सपोर्ट में सैन्य टुकड़ी चीनी सेना के साथ भिड़ गयी हालात इतने बत्तर हो गए कि आसपास की सैन्य टुकड़ियों को भी अपने देश की सेना का साथ निभाने आना पड़ा। देखते ही देखते दोनों देशों के सैनिक एक दूसरे पर हावी हो गए लेकिन चीन सैन्य दल पहले ही अपने साथ नुकीले हथियार लेकर आया था जबकि भारतीय सैनिकों के पास जवाबी कार्यवाही में कुछ नहीं था। लेकिन तब भी भारत के वीर सपूतों ने हिम्मत नहीं हारी और डटकर चीनी सैनिकों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया। परिणाम यह हुआ कि भारत के करीब 20 जवान व 1 कर्नल इस झड़प में मारे गए जबकि चीनी सेना के लगभग 40 से भी ज्यादा वहीं भारत के 76 जवान इस झड़प में घायल हो गए जी हां मित्रों लेकिन चीन ने अपने घायल जवानों की सही संख्या का खुलासा नहीं किया। अब आप सोच रहे होंगे कि आख़िर गलवान घाटी की घटना को तो हम सब जानते हैं तो फिर इस तरह की खबर बताने का क्या फायदा तो आपको बताते चलें अगर आप सच्चे देश वासी हैं तो आपको गलवान की पूरी खबर पता होनी चाहिए। जी हां दोस्तों गलवान घाटी में शहीद जवानों के साथ कुछ ऐसे जवान थे जो शहीद तो नहीं हुए लेकिन झड़प में बुरी तरह घायल हो गए।

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इस खूनी जंग में भारत की ओर से लगभग 250 सैनिक थे जबकि चीन की ओर से लगभग 1हज़ार से डेढ़ हजार। गलवान घाटी नदी में यह संघर्ष गहरे पानी में करीब बहुत देर तक चला दोनों ओर के कुछ कुछ जवान नदी के प्रवाह में भी बहते चले गए। इसके बाद जहां यह झड़प चली वहां केवल एक ही आदमी अंदर या बाहर जा सकता था। जिसके बाद भारतीय सैनिकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। चीनी सैनिकों ने कांटे डंडों से भारतीयों पर हमला किया। अब आपको बता दें कि इस झड़प में उत्तराखंड के एक 43 वर्षीय जवान घायल हो गए थे जिनकी विगत परिस्थितियों में शहादत हो गयी। जी हां दोस्तों पिथौरागढ़ जनपद के सैनिक विशन सिंह अब हमारे साथ नहीं रहे। मुनस्यारी के बागपानी के रहने वाले विशन सिंह लद्दाख की गलवान घाटी में घायल हो गए थे इसके बाद MH लेह में उनका इलाज चला। इलाज के बाद स्वस्थ होकर वे फिर ड्यूटी पर गलवान चले गए जहां कड़कती ठंड में उनकी तबियत अचानक बिगड़ गयी। उनको फिर चंडीगढ़ अस्पताल में लाया गया जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया आपको बता दें दिसम्बर 202 में विशन सिंह रिटायर होने वाले थे लेकिन इसी दौरान उनकी मृत्यु हो गयी। इसके साथ ही उनके घर में दुःख का मातम पसर गया। दैनिक सर्किल की ओर से इस शहीद जवान को भावपूर्ण श्रधांजलि। तथा ईश्वर इनके परिवार को दुख की घड़ी में लड़ने की क्षमता प्रदान करे।

कृप्या हमें नीचे दिए गए लिंक के जरिये गूगल ऐप पर भी फॉलो करके हमारा हौसला बढ़ाये…. Dainik circle news par

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