कुमाऊं रेजीमेंट का वीर सपूत सियाचिन में शहीद, 3 साल के बेटे के सर से उठा पिता का साया..

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Kumaun regiment jawan balwant singh martyred in Shiyachin glacier

जब बात देश की रक्षा की होती है तो सबसे पहले हमारी जुबान पर सिर्फ सेना का ही नाम आता है। इसी बीच देश की रक्षा करते करते कुमाऊं रेजिमेंट का एक जवान शहीद हो गया। शहीद जवान का नाम बलवंत सिंह बताया जा रहा है। वह शियाचीन ग्लेशियर में शहीद हो गये। शियाचीन को सबसे खतरनाक पोस्ट मानी जाती है। वहाँ जवानों को दो दो चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। एक तरफ जहां दुश्मनों का खतरा तो दूसरी तरफ बर्फ के धंसने का खतरा। बलवंत शियाचीन के ग्लेशियर में ड्यूटी कर रहे थे कि इसी बीच अचानक बर्फ धंसने से वह शहीद हो गये।

बता दें, बलवंत नागदा के रहने वाले थे। वहाँ उनके माता पिता, पत्नी और एक 3 साल का बेटा भी है। लेकिन देश के खातिर बलवंत शहीद हो गए और अपने परिवार से काफी दूर चले गये। साल 2004 में बलवंत सिंह फौज में भर्ती हुए थे। और इस समय उनकी तैनाती 15 कुमाऊँ रेजिमेंट में थी। बता दें, पिछले महीने ही वह छुट्टी से वापस आये थे। पिछले महीने 13 फरवरी को अपनी छुट्टियाँ मनाकर वह देश की सेवा हेतु वापस डयूटी पर आ गये थे।

बुधवार रात सेना को खबर मिली कि शियाचीन में बर्फ धंसी है। जिसमें उनका एक जवान गंभीर रूप से घायल हुआ है। लेकिन आज सुबह सेना ने दुखद खबर सुनायी। सेना ने बताया कि जवान बलवंत सिंह शहीद हो चुके हैं। उसके बाद शहीद के पार्थिव शरीर को शियाचीन चौकी ने नीचे लाया गया। बताया जा रहा है कि दो दिन के अंदर उनका पार्थिव शरीर को नागदा पहुंचाया जाएगा। शहीद बलवंत रावत की शादी को अभी मात्र 4 वर्ष ही हुए थे। 2017 में उनकी शादी हुई थी और उनका एक 3 साल का बेटा भी है।

कहते हैं ना जो भाग्य में लिखा होता है उसे बदला नहीं जा सकता। क्योंकि बता दे, पिछले साल 31 दिसंबर को शहीद जवान का कार्यकाल समाप्त हो गया था। लेकिन सेना ने उन्हें एक्सटेंशन पर प्रमोट करके उनकी पोस्टिंग शियाचीन में कर दी। जहाँ बर्फ धंसने से बलवंत शहीद हो गये।

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