आपको बता दें कि केंद्रीय अर्धसैनिक बोलो के वे जवान, जो किसी आतंकी या नक्सली ऑपरेशन के दौरान शहीद हो जाते हैं उन्हें केंद्र सरकार द्वारा एक करोड़ की सम्मानित राशि देने के लिए अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। कॉन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा इस बात को लेकर राष्ट्रपति और पीएमओ से लेकर भिन्न केंद्रीय मंत्रियों से यह गुहार लगाई गई है। बीते मंगलवार को एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल ने उन्हें अनुशासन दिलाया कि वे इस विषय में राज्य सरकार और केंद्र गृह मंत्रालय से बात करेंगी।
एसोसिएशन के महासचिव रणवीर सिंह ने बताया कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलो के जवान दुश्मनों से लड़कर देश के गौरव की रक्षा करते हैं, और राष्ट्र का सम्मान बढ़ाते हैं। यह अलग बात है कि जब सीआरपीएफ का जवान अपने कर्तव्य को निभाते वक्त शहीद हो जाता है तो उसके परिजनों को केंद्रीय अनुग्रह 35 लाख रुपये की एक साथ मुआवजा राशि दी जाती है। दूसरी तरफ जब एक खिलाड़ी देश के लिए पदक लाता है तो उससे करोड़ों रुपए मिल जाते हैं। सरकार जानबूझकर सम्मान राशि में बढ़ोतरी नहीं कर रही है। इससे सीएपीएफ जवानों में क्रोध उत्पन होता है।
महासचिव रणबीर सिंह, प्रमोद कुमार शुक्ला, सुमित वर्मा, भुवन सिंह व जग सिंह ने राज्यपाल अनुसुइया उइके को बताया की केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों की पुरानी पेंशन व्यवस्था से बहार कर दिया गया है। इन बालों में 2004 से पेंशन बंद है। डेढ़-दो दशक से चले आ रहे नक्सलवाद के कारण सैकड़ों पैरामिलिट्री जवान, स्थानीय पुलिस फोर्स के जवान व आम नागरिक शहीद हो गए है। छत्तीसगढ़ पुलिस व डीआरजी के जवान भी नक्सली हमलों में शहीद होते आ रहे हैं। उनके कल्याण के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवान आतंकियों और नक्सलियों से लड़ने के अलावा सीमा की चौकसी भी करते हैं। परमाणु ऊर्जा संयंत्रों, बंदरगाहों, हवाई अड्डों, संसद भवन की सुरक्षा के साथ साथ वीआईपी सुरक्षा और निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी भी इन्हीं बलों को दी जाती है।
इन बालों के सेवा करता और रिटायर्ड कर्मियों के कल्याण के लिए सरकार गंभीर नहीं है। केंद्र और राज्य सरकार को आग्रह किया गया है कि इन बलो के कल्याण के लिए अर्ध सैनिक कल्याण बोर्ड की स्थापना की जाए। जिसमें जवानों की विधवाओं वीरांगनाओं शहीद परिवार व रिटायर्ड सैनिकों की वृत्ति दिक्कतों का हाल पुनर्वास एवं कल्याणकारी योजनाएं त्वरित गति से लागू की जा सकेंगी। शहीद परिवारों को मिली जाने वाले सम्मान राशि को बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दिया जाए। जिससे उन शहीद जवानों के बच्चों को बेहतर शिक्षा स्वास्थ्य में मदद मिल सकेगी।
रणवीर सिंह के मुताबिक ओलंपिक में पदक लाने वाले खिलाड़ियों को 4 से 6 करोड रुपए की सम्मान राशि दी जा रही है। देश के लिए अपना सब कुछ बलिदान करने वाले जवान भी इसी तरह के सम्मान राशि के हकदार हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 23 नवंबर 2012 को आफिस मेमोरेंडम जारी किया था। जिसमें केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों को Ex-men का दर्जा देने का आदेश जारी किया गया था। इससे रिटायर्ड पैरामिलिट्री जवानों को पुनर्वास व सरकारी नौकरियों में लाभ मिल सकेगा।