गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से महिलाओं को सेना में स्थायी कमीशन देने के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है, आपको जानकारी दे दें की, भारतीय सेना और नौसेना में स्थायी कमीशन पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि, एक महीने के भीतर इस पर विचार कर इन्हें स्थायी कमीशन दें।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने महिला अधिकारियों के लिए बनाए गए मेडिकल फिटनेस के नियमों को भी तर्कहीन बताया है, खबर है की, सुप्रीम कोर्ट से कहा गया कि हमारे समाज के नियम पुरुषों के ओर से पुरुषों के लिए ही बनाया गया है। सेना में कई महिला अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट ने फिटनेस और दूसरी योग्यताओं और शर्तों को पूरा करने के बावजूद स्थाई कमीशन नहीं देने पर नाराजगी जताई है।
और आपको बता दें की, पिछले साल इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को परमानेंट कमिशन देने का आदेश दिया था। और 2010 में वहीं दिल्ली हाई कोर्ट ने भी महिलाओं को परमानेंट कमिशन देने का आदेश दिया था, लेकिन 284 में से सिर्फ 161 महिलाओं को परमानेंट कमिशन दिया गया है, जबकि बाकी की महिलाओं को मेडिकल ग्राउंड पर रिजेक्ट किया गया था।
आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिनको रिजेक्ट किया है उनको एक और मौका दिया जायेगा और सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्मी का मेडिकल क्राइटेरिया सही नहीं था, महिलाओं के खिलाफ भेदभाव हुआ है।