रतलाम जिले की मावता गांव में सेना के एक जवान की मौत पर उसे शहीद का दर्जा ना देने पर गांव वालों ने खूब हंगामा किया ।बताया जा रहा है, कि मावता गांव के लोकेश कुमावत भारतीय सेना में पदस्थ थे वे वर्ष 2019 में भारतीय सेना का हिस्सा बने थे। उनकी मौत की खबर गुरुवार उनके परिजनों को मिली तथा शुक्रवार को उनका पार्थिव शरीर सेना के वाहन से गांव लाया गया।
आखिर जवान की मौत कैसे हुई ,इसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं दी गई। ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया कि जवान को शहीद का दर्जा दिया जाए। इस प्रदर्शन में कांग्रेसी नेता डी.पी धाकड़ भी शामिल हुए ।लगभग 3 घंटे के हंगामे के बाद अधिकारियों ने ग्राम वासियों को आश्वासन दिया तथा उसके पश्चात जवान के पार्थिव शरीर की अंतिम यात्रा निकाली गई।
ग्रामीणों ने पुष्पवर्षा के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की व इसके पश्चात जवान का अंतिम संस्कार किया गया ।बताया जा रहा है कि अंतिम संस्कार के साथ जवान को गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया गया। इस पर ग्राम वासियों में काफी गुस्सा है। जवान की मौत को लेकर चुप्पी अभी भी बरकरार है ऐसे में सभी लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर जवान की मौत कैसे हुई। किंतु सेना व प्रशासनिक अधिकारी है कि इस मामले पर कुछ कहना ही नहीं चाहते।ALSO READ THIS:फर्जी सेना के जवान ने किसान को लगाया 3.50 लाख का चूना, ठगने का तरीका जान सब हैरान…
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