छत्तीसगढ़ में एक घटना सामने आई थी जिसमे एक सेना के जवान ने अपने ही 4 साथियों को गोली मार दी। जवान आरोपी की तरफ से एक किसी ने बयान देते हुए कहा कि आरोपी सेना का जवान इमोशनल स्ट्रेस में था। आपको बता दे कि ये पहली घटना नही है कि जवान ने ऐसा किया हो, इससे पहले भी नौ महीने पहले जगदलपुर में एक सेना के जवान ने अपने साथियों को गोली मार दी थी। वहीँ दिसंबर 2012 में भी दंतेवाड़ा में एक सीआरपीएफ के जवान ने 4 साथियों को गोली मार दी थी।
बताया जा रहा है कि जवान ऐसे कदम इसलिए उठा रहे है क्योंकि वह घर से लंबे समय से दूर, अपने परिवार से दूर, त्योहारों पर घर जाने का इंतज़ार। कुछ दिन पहले नक्सल ऑपरेशन के लिए तैनात पैरामिलिट्री फोर्स के 25 बटालियन में एक सूचना दी गई। इसमें कहा था कि ऐसे जवानों को पहचाना जाए जो डिप्रेशन या स्ट्रेस से गुज़र रहे है। और किसी की बड़ी घटना को अंजाम दे सकते है। इन जवानों का पता लगाने के बाद उनकी काउंसिलिंग के लिए कहा गया, ताकि उन्हें सुसाइड या अन्य किसी घातक दुर्घटना से बचाया जा सके।ALSO READ THIS:सुकमा में CRPF जवान ने अपने ही साथियों पर चला दी गोलियां, 4 जवानों की मौत, तीन घायल..
सीआरपीएफ अधिकारी ने कहा कि जवानों को डिप्रेशन से बचाने के लिए कई तरह की खोज की जा रही है। हालांकि अभी इससे बेहतर उपाय नही मिल पाया है। लेकिन उन्होंने कहा कि सभी पैरामिलिट्री फोर्स के जवान हैं और उनके पास हथियार भी हैं। ऐसे में वह खुद को या अन्य साथियों को गोली मार देते हैं। इस सीआरपीएफ अधिकारी ने चिंता जाहिर करते हुए हथियारों पर रोक लगाने के लिए कहा।
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