माथे और ठुड्ढी पर 7 टांके लगने के बाद भी मैदान में डंटे रहे भारतीय मुक्केबाज सतीश कुमार..

0
Despite getting seven stitches boxer Satish Kumar kept fighting in the ring

आजकल टोक्यो ओलिंपिक खेलों के चलते भारतीय खिलाड़ियों ने अपना और अपने देश का नाम रौशन करने में कोई कसर नही छोड़ी। मुक्केबाजी की बात करे तो पुरुष मुक्केबाजी में भारतीय मुक्केबाज सतीश कुमार ने अपना बहुत बेहतर प्रदर्शन कर क्वार्टर फाइनल में पहुंचे। हालाकि वे वहां वर्ल्ड चैंपियन बखोदिर जालोलोव से 0-5 से हार कर बाहर हो गए। आपको बता दे कि सतीश प्री क्वार्टर फाइनल में चोटिल हुए थे,जिसके बाद वह क्वार्टर फाइनल में वह सात टांके लगवाकर रिंग में आए थे।

प्री क्वार्टर फ़ाइनल में उन्होंने रिकॉर्डो ब्राउन को 5-0 से हराया हराया था। उन्होंने ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर एक नया इतिहास भी रचा। सतीश नेशनल चैंपियन और दो बार एशियाई खेलों में कांस्य विजेता भी रह चुके है। अब वह ओलिंपिक में अपने जगह बनाकर पहले सुपर हेवीवेटर बॉक्सर है। सतीश कुमार इस समय 32 वर्ष के है।उन्हे क्वार्टर फाइनल में लड़ने की मंजूरी चिकित्सकों द्वारा दी गई। क्वार्टर फाइनल में बखोदिर जालोलोव का खूब दबदबा देखने को मिला,उन्होंने यह फाइनल 0-5 से अपने नाम किया।

तीसरे राउंड के दौरान सतीश के माथे के टांके खुल गए थे, लेकिन इसके बाद भी वह आखिर तक लड़ते रहे।इससे पहले वे कबड्डी प्लेयर भी रह चुके है।वहीं उनकी इस बहादुरी को लेकर ओलिंपिक खेलों में पदक हांसिल करने वाले 27 साल के बखोदिर जालोलोव ने उनकी जमकर सरहाना की। वहीं लावलीना बोर्गोहेन (69 kg) ने सेमीफाइनल में जगह बनाकर मुक्केबाजी में भारत के लिए पहला और एकमात्र पदक हासिल किया।

READ ALSO: महिला ने बीच सड़क पर कर दी Cab Driver की पिटाई, लोग बोले लड़की होने का उठा रही फायदा, आप भी देखें वीडियो…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here