भारतीय क्रिकेट के जाने-माने खिलाड़ी इरफान पठान को आज पूरी दुनिया जानती है लेकिन एक साधारण गरीब परिवार से आने वाले इरफान पठान का क्रिकेट की दुनिया तक का सफर बेहद संघर्षपूर्ण रहा।
बात करें हम इरफान पठान की बचपन की तो उनका जन्म 27 अक्टूबर 1984 को गुजरात के बड़ौदा में हुआ था।एक मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखने वाले इरफान अपने परिवार के साथ मस्जिद में ही रहते थे। उनके पिता मस्जिद में ही काम करते थे।

बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक रखने वाले इरफान पठान अपने भाई यूसुफ के साथ मिलकर क्रिकेट खेलते थे जिससे क्रिकेट के प्रति उनका झुकाव और अधिक गहरा होता गया।बड़ौदा के मेस हायर सेकेंडरी स्कूल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा लेने के साथ-साथ उन्होंने क्रिकेट पर भी पूरा ध्यान दिया।

हालांकि शुरुआती दौर में इरफान केवल गेंदबाजी पर ही ध्यान देते थे।लेकिन उसके बाद उन्होंने अपनी बल्लेबाजी पर भी ध्यान देना शुरू किया जिसके चलते बल्लेबाजी में भी इरफान ने बेहतर प्रदर्शन किया जिसके कारण ही इरफान ने अपनी 13 वर्ष की उम्र से ही अंडर 14, अंडर 15 ,अंडर 16 और अंडर 19 के मैचों में अपनी अमिट छाप छोड़ी।
इसके बाद इरफान ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और वे लगातार आगे बढ़ते रहें। गौरतलब है कि सन 2007 t 20 विश्व कप जो की भारत ने जीता इरफान उसका भी हिस्सा रहे।

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मैचों में 24 टी20 मैच खेले हैं जिनमें उनका गेंदबाजी का प्रदर्शन बेहद ही अच्छा रहा उन्होंने अपने द्वारा खेले गए 24 t20 मैचों में 28 विकेट लिए थे वहीं उन्होंने एक मैच में 16 रन देकर तीन विकेट लिए थे।इसके।बाद उन्हें सन 2011 में दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम के लिए 1.9 मिलियन की रकम पर खरीदा गया।
सन 2011में रणजी ट्रॉफी में अपनी बेहतर प्रदर्शन के बाद उन्होंने एकदिवसीय मैचों में भी अपना बेहतर प्रदर्शन किया जिसकी बदौलत दुनिया में अपनी बेहतरीन गेंदबाजी में एक अलग पहचान बनाई।
4 फरवरी सन 2016 को वे मक्का की रहने वाली सफा बेग के साथ शादी के बंधन में बंध गए सफा बेग और इरफान का दिसंबर 2016 में एक बेटा होता है जिसका नाम इमरान खान पठान है।
वही सन 2020 आते-आते इरफान पठान ने अपने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले लिया।समान समय में हम सब इरफान पठान को क्रिकेट मैचों के दौरान कमेंट्री करते हुए सुनते हैं।