बंशीधर नगर संसू – गुरुवार को नगर उंटारी रेलवे स्टेशन पर रामगढ़ कैंट में सिख रेजिमेंट के सिरफिरे जवान कुलविंदर सिंह ने एक घंटा तक सबको परेशान कर दिया। आपको बता दें की उसने, रेलकर्मियों और पुलिस को स्टेशन में ही दोपहर 12 बजे से करीब एक बजे तक बंधक बना के रखा। वहीं इस मामले की सूचना मिलने पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी प्रमोद कुमार केशरी पहुंचे, और फिर बड़ी मुश्किलों के बाद कुलविंदर को काबू में किया गया। जानकारी के मुताबिक, कुलविंदर सिंह के पास जो आधार कार्ड मिला है उसके, अनुसार वह किला हकीमां, बटुहा, संगरूर पंजाब का निवासी है। कुलविंदर 176 बटालियन सिख रेजीमेंट का ब्लैक कमांडो है। वह बुधवार की रात टाटा जम्मूतवी एक्सप्रेस से रेलवे स्टेशन पर उतरा था। उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं रहने के कारण कुलविंदर कहां से आ रहा था व कहां जाना है, यह नहीं बता पा रहा है।
उसके बाद सुबह प्लेटफार्म संख्या एक पर सीढ़ी के नीचे अपना बैग रख दूसरे प्लेटफार्म पर गंजी जांघिया पहन कर घूम रहा था। उसके बाद आस पास के लोगों ने इसकी सूचना रेलवे स्टेशन पर तैनात आरपीएफ को दी। उसके बाद वहां पर बैठे कुछ लोगों ने कुलविंदर को समझाकर कपड़े पहनाएं और उसे आरपीएफ को सौंप दिया।थोड़ी देर बाद वो पथराव करने लगा, उसके बाद तब आरपीएफ ने मामले की जानकारी श्री बंशीधर नगर थाने को दी। इस मामले की सूचना मिलने पर एसआई विक्रम सिंह अपने दल के साथ रेलवे स्टेशन पहुंचे, उसके बाद जेसी ही कुलविंदर ने पुलिस को देखा तो फिर वो कुदाल लेकर उनके पीछे दौड़ा। उसके बाद पुलिस मामले की जानकारी लेने स्टेशन में बने कमरे में गई, तो तभी कुलविंदर ने बाहर से कमरे का दरबाजा बंद कर दिया।
पुलिस के साथ रेलकर्मी को भी एक घंटा तक बंधक बनाए रखा। इसके बाद वह गुस्से में जोर-जोर से चिल्लाने लगा और फिर उसके बाद गेट बंद कर कुदाल लेकर घूमने लगा। उसके बाद वो मोबाइल पर भी वह किसी से जोर-जोर से बात कर रहा था।इसकी सूचना जब अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को मिली तो वो भी रेलवे स्टेशन पहुंचे। उन्होंने उसे समझा-बुझाकर शांत कराने का प्रयास किया लेकिन वो किसी की नहीं सुन रहा था और ना ही वो दरवाजा खोल रहा था।
वो अपने माता-पिता के आने के बाद ही बंधक बनाए लोगों को मुक्त करने की बात बार-बार दोहरा रहा था। उसके बाद अनुमंडलीय अस्पताल की उपाधीक्षक डा. सुचित्रा कुमारी पहुंचीं। वह उसे समझा रही थीं, और इस बीच में मौका देखकर, पुलिस ने दरवाजा खोल दिया और अंदर घुसकर कुलविंदर को काबू में कर लिया।