सरकार के बड़े अधिकारी समेत जज भी सोशल मीडिया पर मांग रहे मदद…बड़ी मुश्किलों के बाद मिल रहा है बेड..

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Government officers and judges are also asking for help on social media

कोरोना वायरस महामारी से पूरे देश भर में सभी लोग पार शान है।, कोविड की इस दूसरी लहर ने सबको डरा के रही दिया है। यहां तक कि बड़े – बड़े लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। वहीं, देश के बड़े लोगों को भी बड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। कोरोना महामारी के चलते, संवैधानिक पद पर बैठे लोग, सुप्रीम कोर्ट के जज और केंद्रीय मंत्रालयों से संबद्ध आला नौकरशाह भी शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर लोगों ने अपनों के लिए दवा, बेड या ऑक्सीजन का जुगाड़ करा तो लिया मगर इसके लिए उन्हें काफी इधर उधर भागना पड़ा। जानकारी के मुताबिक, संवैधानिक पद पर बैठी एक व्यक्ति को अपने परिवार के सदस्य के लिए अस्पताल में बेड चाहिए था, उन्होंने इसके लिए बहुत कोशिश की, लेकिन उन्हें बेड कहीं नहीं मिला जिस वजह से उन्होंने अंत में राजनैतिक नेतृत्व से मदद मांगी, और तब जाकर उनको बेड मिल सका। लेकिन फिर भी उनके अपने उस अस्पताल में भर्ती नहीं हो पाए जिस में वो चाहते थे।

और वहीं, इसके अलावा एक जज जो सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति को अपने रिश्तेदार के लिए बेड का बंदोबस्त करने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ी। सुप्रीम कोर्ट के ही एक रिटायर्ड जज की पत्नी को टॉसिलजुमैब दवा चाहिए थी जिसके लिए जज साहब को अपने युवा वकीलों के नेटवर्क को लगाना पड़ा, और तब जाकर उनकी पत्नी को दवा उपलब्ध कराई गई।वहीं, एक केंद्रीय मंत्रालय से संबद्ध एक ब्यूरोक्रेट का दर्द तो बहुत ही बड़ा है, बताया जा रहा है की वे अपने परिवार के कुछ सदस्यों के साथ खुद भी कोविड पॉजिटिव हैं। और वो यह सोच कर परेशान हैं कि अगर किसी को अचानक किसी सुविधा की ज़रूरत पड़ी तो वे कहां जाएंगे। उन्हें ये भी नहीं पता कि कौन सा अस्पताल मेरा फोन उठाएगा की नही।

देश भर से एसी ही तस्वीर या मामले सामने आए हैं, वहीं इसके अलावा भी एक बहुत बड़े ब्यूरोक्रेट को एक आदमी को डीआरडीओ के वल्लभ भाई पटेल अस्पताल में दाखिल कराने के लिए कई फोन करने पड़े। यह अफसर गृह मंत्रालय में भी रह चुका है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद में काम करने वाले एक अर्थशास्त्री को जब रेमडिसिवर के इंजेक्शनों की ज़रूरत पड़ी तो उन्हें ट्विटर पर अपने नेटवर्क से अपील करनी पड़ी, और तब जाकर उन्हें दवा मिल पाई।

आम जनता के साथ साथ बड़े लोग भी इस महामारी में अकेले पढ़ गए हैं। सभी को ऑक्सीजन और बेड की ज्यादा जरूरत पड़ रही है, लिहाजा बहुत लोगों को तो ऑक्सीजन का बेड भी नसीब नही हो पा रहा है। इस स्थिति से पूरा देश अस्त व्यस्त हो गया है। लोगों का रोजगार खत्म हो गया है, बहुत के पास तो खाना को भी नही बचा है। वहीं आजकल लोग सोशल मीडिया के माध्यम से बहुत से लोगों की मदद भी कर रहे हैं। इसी महामारी में कई लोग मदद के लिए सामने भी आए हैं।

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