यूँ तो नदियों जलाशयों में अजीबोगरीब जीव पाए जाते हैं। जिनमें से कुछ तो ऐसे होते हैं जिनकी पहचान हमको होती है। लेकिन कुछ ऐसे होते हैं जिनको पहचानने में हमें थोड़ी दिक्कतें आती हैं और बाद में जब उसके बारे में खोजा जाता है। तो या तो वह जीवधारी विश्व के किसी न किसी देश में मिल जाता है या फिर आज तक उसके बारे में किसी को पता नहीं होता कहने का तात्पर्य यह है कि पृथ्वी में अनेकों जगह मौजूद हैं और जलवायु,स्थान,मौसमों के अनुसार हर जगह पर कोई न कोई जीवधारी पाया ही जाता है। लेकिन जब ऐसी जगह में कोई ऐसा जीव मिलता है। जिसका उस जगह पर मिलना संभव नहीं होता तो तब वह हमारे लिए सोचनीय विषय होता है।यह भी पड़े: लद्दाख पर तैनाती हुई तो भारतीय सेना के खौफ से जाते हुए रोने लगे चीनी सैनिक, देखे वीडियो
ऐसा ही कुछ हुआ है वाराणसी के रामनगर के रमना गांव की नदी में जहां ऐसा ही कुछ हुआ है वाराणसी के रामनगर के रमना गांव की नदी में जहां डॉल्फिन मछली के संरक्षण के लिये ऐसा ही कुछ हुआ है वाराणसी के रामनगर के रमना गांव की नदी में जहां डॉल्फिन मछली के संरक्षण के लिये गयी गंगा प्रहरियों की टीम के हाथ कोई ऐसी मछली फंसी जिसका पूरे भारत में तो क्या पूरे साउथ एशिया में अस्तित्व नहीं है।यह भी पड़े: Garhwal Rifles: देश सेवा की कसम खाकर भारतीय सेना में शामिल हुए 176 जवान
आपको बता दें B.H.U. के मछली अधिकारियों ने इस मछली की पहचान दक्षिणी अमेरिका के अमेज़न जंगलों से कई दूर पाए जाने वाली मछली सकर माउथ कैटफिश के रूप में की है। जितना आश्चर्य यह मछली पैदा कर रही है इससे कई ज्यादा वैज्ञानिकों के लिये यह मछली चिंता का विषय साबित हो रही हैं। जी हां वैज्ञानिकों का मानना है यह मछली मांसाहार है और जिससे इको सिस्टम खराब हो सकता है।आपका पसंदीदा न्यूज़ पोर्टल अब गूगल न्यूज़ पर भी फॉलो करने के लिए क्लिक करें…. Dainik circle news par