वाह जी वाह चार साल से दरोगा बनकर करता रहा नौकरी, 150 केस भी निपटा डाले…

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For four years, he has been working as a police officer, has also settled 150 cases.
फ़ोटो: Amarujala.com

आज की खबर यूपी पुलिस से आ रही है यहां एक पुलिस कर्मी का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है।पुलिस कर्मी का नाम दयाशंकर वर्मा है जो एक कांस्टेबल है लेकिन पिछले चार साल से वह दरोगा के पद पर नौकरी कर रहा है।इतना ही नही वह सैलरी भी इसी पद की लेता है साथ ही उसने दरोगा स्तर के करीब 150 मामलों की विवेचनाएं भी की है जिसमे दुष्कर्म,हत्या के प्रयास, लूट पट जैसे गंभीर मामले शामिल हैं।यह करने का अधिकार उसका नहीं था।इस काम में अन्य अफसरों व बाबुओं के मिलीभगत होने की आशंका भी जताई जा रही है। 

 निवासी दयाशंकर वर्मा उरई का रहने वाला है जो 1981 बैच का सिपाही है। अभी कुछ समय पहले से ही वह कमिश्नरी के नजीराबाद थाने में पुलिस लाइन के रूप में तैनात है। आरोपी के खिलाफ अभी कई मामलों की जांच चल रही है।इस समय वह एचसीपी (हेड कांस्टेबल प्रमोटी) पद पर तैनात है,लेकिन,2018 से वह विभागीय लिखापढ़ी में दरोगा (सब इंस्पेक्टर) है।

 सूत्रों से पता चला कि आरोपी की तैनाती मार्च-अप्रैल 2018 में घाटमपुर थाने में थी।उस समय किसी मामले में उसने एक प्रार्थना पत्र लिखा था जिसमे उसने अपने उच्चाधिकारी को अपना पद दरोगा लिखा था। उस दस्तावेज के आधार पर ही अन्य दस्तावेज तैयार होते गए।और ऐसा ही चलता गया जब तबादले की बारी आई तो उसमे दयाशंकर का भी नाम शामिल था।उसका तबादला चौबेपुर हुआ और इसी तरह दरोगा बन उसके थाने बदलते रहे।इसके अलावा वह कई चौकियों का प्रभारी भी बना। 

इस मामले में विभागीय अफसरों की लापरवाही या मिलीभगत भी थी किसी भी बड़े अफसर या विभाग के बाबू ने इस पर सवाल नहीं किया।इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।अब यह एक जांच का विषय बन चुका है।अभी यह लापरवाही है या किसी की मिलीभगत,यह पता नहीं चल पाया है।

दयाशंकर बर्रा जब 2017 में रिश्वतखोरी थाने में था तो वह जेल गया था।इस पर भी अभी तक केस चल रहा है।वहीं उसने अभी बर्रा इंस्पेक्टर पर भी आरोप लगाए थे जिसकी इस समय जांच की जा रही है।वहीं इसी संबंध में दो महीने पहले उसने प्रेसवार्ता करने का भी एलान किया। अब तत्कालीन पुलिस कमिश्नर असीम अरुण द्वारा आरोपी को निलंबित कर दिया गया जिसके 10 दिन बाद ही वह बहाल हो गया।

वहीं आनंद प्रकाश तिवारी, ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर, ने कहा,”अभी मामला संज्ञान में नहीं है। संबंधित अधिकारी से इस संबंध में जानकारी ली जाएगी। जो भी तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।”इसके अलावा आरोपी दयाशंकर वर्मा का कहना है,”मुझे खुद नहीं पता कैसे दरोगा पद पर प्रमोशन दे दिया। साजिशन ऐसा किया गया। जिसकी मैंने उच्चाधिकारियों से शिकायत भी की थी।”

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