इन दिनों दिल्ली में जिस तरह से बैठकों का दौर चला जिससे यूपी में कुछ बड़ा होने वाला है हालांकि राजनैतिक हलकों में ये चर्चा भी है कि, देश और प्रदेश की राजधानियों में पिछले दो सप्ताह से चल रही कवायद उत्तर प्रदेश के विभाजन को लेकर है। यूपी में इस बात की बड़ी चर्चा है कि राज्य को तीन हिस्सों में बांटने की कार्य योजना पर दिल्ली से लेकर लखनऊ तक चर्चाएं हो रही है। और इसी मामले को लेकर राज्य के शीर्ष नेताओं को दिल्ली बुलाकर चर्चा की जा रही है। आपको बता दें की चर्चा ये है कि, नए बनने वाले राज्यों में पश्चिम उत्तर प्रदेश और बुन्देलखंड बन सकते हैं, लेकिन अगर ऐसा होता है तो इस पुनर्गठन से पड़ोसी राज्यों उत्तराखंड, दिल्ली समेत मध्य प्रदेश राज्यों की प्रभावित होने की संभावना है।
आपको बता दें की, उत्तर प्रदेश को विभाजित करने का विचार काफी पुराना है। पूर्वांचल को भी नया राज्य बनाने की मांग समय समय पर उठती रही है, और इसके अलावा बुन्देलखंड को राज्य बनाने के लिए आन्दोलन भी हुए हैं। बताया जा रहा है की, राज्य को बांटने पर राजनीतिक दलों में भी सहमति देखी जा रही हैं।वहीं, अगर सबकुछ सामान्य रहा तो संसद के मानसून सत्र में केन्द्र सरकार उत्तर प्रदेश को विभाजित करने के लिए राज्य पुनर्गठन संशोधन विधेयक प्रस्तुत कर सकती है। ALSO READ THIS:दुखद: यहां पिकअप और ऑटो की हुए जोरदार टक्कर, मौके पर ही एक युवक की दर्दनाक मौत, पढ़िए पूरी खबर…
कहा जा रहा है कि, इसके लिए रूपरेखा लगभग तैयार है। अगर तीन भाग में यूपी बट जाता है तो, विभाजन के बाद पूर्वांचल, अवध और कानपुर क्षेत्र का भाग उत्तर प्रदेश कहलाएगा। वहीं, दूसरी ओर पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़, मुरादाबाद और बरेली मंडल के जिले नए पश्चिम राज्य का हिस्सा हो सकते हैं। इसमें बागपत को दिल्ली में, सहारनपुर और बिजनौर को उत्तराखंड में, मध्य प्रदेश के बुन्देलखंड के जिलों को नए बुन्देलखंड राज्य में मिलाया जा सकता है। ALSO READ THIS:दुखद: यहां पिकअप और ऑटो की हुए जोरदार टक्कर, मौके पर ही एक युवक की दर्दनाक मौत, पढ़िए पूरी खबर…
बता दें की, इस पर भी कयास लगाए जा रहे हैं कि संभावित राज्यो की आर्थिकी को लेकर अभी मंथन इस पर भी जारी है कि बुन्देलखंड और शेष उत्तर प्रदेश की आर्थिकी कैसी होगी। यहां राजस्व की पूर्ति कैसे की जाएगी, क्योंकि सर्वाधिक राजस्व देने वाले जिले पश्चिम उत्तर प्रदेश में ही चले जाएंगे। शेष उत्तर प्रदेश में केवल कानपुर ही ऐसी महानगर बचेगा जो बड़ा व्यापारिक केन्द्र है और जो की राजस्व का बड़ा हिस्सा देता है। अगर ऐसा हुआ तो यूपी का पूरा नक्शा ही बदल जाएगा, और इसका असर बाकी पड़ोसी राज्यों पर भी पड़ेगा। अब देखना ये होगा की इस पर कब तक फैसला आता है।