एम्बुलैंस नहीं मिली तो मृत बेटे के शव को ई-रिक्शे में वापस घर ले गयी बेबस माँ….

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mother hires e-rickshaw to take son's dead body back home after Unable to find an ambulance

कोरोना महामारी के कारण हर राज्यों से दिल दहला देने वाली तस्वीर सामने आ रही है। कई लोगों को मरने के बाद शमशान में जगह तक नहीं मिल रही है। कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश ने चिकित्सा अवसंरचना (medical infrastructure) को हिला के रख दिया है। ऐसे ही एक दिल दहला देने वाली घटना उत्तर प्रदेश के वाराणसी से सामने आई है। समय पर सही तरीके से उपचार न मिलने पर एक मरीज की मौत हो गयी। वह उपचार के लिये एक से दूसरे अस्पताल भागता रहा लेकिन उसका कहीं भी इलाज नहीं हुआ।

मामला तब और बेकार हुआ जब मृतक मरीज की माँ को अपने बेटे का शव ई-रिक्शा पर लेजाना पड़ा। क्योंकि उन्हें कोई भी एम्बुलैंस नहीं मिल रही थी। मृतक युवक का नाम विनय सिंह है और वह जौनपुर का निवासी था। युवक की किडनी खराब हो रखी थी, इसी कारण वह इलाज के लिये वाराणसी आया हुआ था। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी ने युवक का इलाज करने से मना कर दिया। इसके बाद विनय इलाज के लिए एक प्राइवेट अस्पताल में गया। वहां भी उसका इलाज ढंग से हो नहीं पाया जिसके चलते उसकी मौत हो गयी। युवक ने अपनी माँ के सामने ही दम तोड़ दिया।

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विनय की मौत के बाद उसकी मां ने शव को वापस घर ले जाने के लिये एम्बुलैंस की मांग की। लेकिन महामारी के कारण उस समय कोई भी एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं थी। आखिर में युवक की माँ को शव घर ले जाने के लिये एक ई-रिक्शा किराये पर लेना पड़ा। युवक का शव ई-रिक्शे में लदा पड़ा था। यह घटना कैमरे में कैद हो गयी। जैसे ही यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हई, लोगों ने उत्तर प्रदेश के चिकिस्ता सुविधाओं के कमी की खूब निंदा की।

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