सरकारी सिस्टम की लापरवाही के कई किस्से सामने आते ही रहते है।इस बार भी सरकार की लापरवाही का एक किस्सा सामने आ रहा है जहां इतने समय के बाद अब जाकर एक महिला को अपने पति की मृत्यु के बाद पेंशन मिली ।उनके पति की मृत्यु को 69 वर्ष हो चुकी थी अब कहीं जाकर उन्हे पेंशन मिली।महिला का नाम पारुल देवी है जिनकी केवल 12 वर्ष में ही शादी हो गई थी।उनकी शादी देवलथल तहसील के लोहाकोट के सैनिक गगन सिंह के साथ 10 मार्च 1951 को हुई। उनके पति गगन सिंह सेना में थे।14 मई1952 को ड्यूटी के दौरान गोली लगने से उनके पति की मृत्यु हो गई थी जिसके बाद अब उनके पेंशन की स्वीकृत हुई ।
पति के मृत्यु के बाद कुछ समय तो महिला ने अपने ससुराल में ही बिताया लेकिन कुछ समय के बाद वह लिंठ्यूडा में अपने मायके आ गईं,और अभी तक वह अपने मायके में ही है।लेकिन उन्हे पेंशन की कोई जानकारी नहीं दी गई।ना ही भारतीय सेना ने उनकी कोई खबर ली ।
जिसके बाद चर्चित रिटायर्ड उपकोषाधिकारी डीएस भंडारी ने उनकी मदद की बहुत कोशिशों के बाद उनकी मेहनत सफल हुई।उन्होंने बताया कि उनकी पेंशन 1977 से अटकी हुई थी। यानि कुल मिलाकर उनकी 44 साल की पेंशन है जिसका एरियर उन्हे करीब 20 लाख मिलेगा।
परूली देवी का कहना है कि इस पेंशन के असली हकदार उनके मायके वाले है जिन्होंने उनके लिए किसी चीज में कोई कमी नहीं होने दी।उनके परिवार वाले इस बात से खुश तो है कि पारुल देवी को इतने समय बाद उनके हक की धनराशि मिल रही है,लेकिन साथ ही उन्हे इस बात से आहत भी है कि सरकार ने इस हक के बाद भी लापरवाही की।