
उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जहां आपको हर जगह मंदिर दिखाई देंगे इन मंदिरों से जुड़ी हुई अनेक मान्यताएं भी होती है साथ ही श्रद्धालुओं की इन मंदिरों की प्रति विशेष आस्था जुड़ी होती है।
ऐसा ही एक मंदिर उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल में स्थित है जिसको धारी देवी के नाम से जाना जाता है।9 वर्ष पूर्व मां धारी देवी की प्रतिमा को अपने प्राचीन स्थान से हटाकर अस्थाई रूप से अन्य मंदिर में रखा गया था लेकिन अब 9 वर्ष बाद 28 जनवरी को मां धारी देवी की प्रतिमा को उनके स्थाई मंदिर में विराजमान किया जाएगा।
साल 2013 में अलकनंदा नदी पर श्रीनगर जल विद्युत परियोजना के चलते अलकनंदा नदी में जलस्तर को बढ़ते देख प्राचीन मंदिर से मूर्ति को हटा दिया गया था 16 जून 2013 जिस दिन मंदिर से धारी मां धारी देवी की प्रतिमा को हटाया गया था।
उसके अगले ही दिन केदारनाथ में जल प्रलय भी आई थी जिसके कारण कुछ लोग केदारनाथ जल प्रलय का कारण धारी देवी की प्रतिमा को स्थानांतरित करना भी बताते हैं । इसके बाद श्रीनगर जल विद्युत परियोजना का निर्माण करने वाली कंपनी ने ही प्राचीन मंदिर के समीप ही अलकनंदा नदी के बीचो-बीच पिलर खड़े करके मां धारी देवी का एक भव्य मंदिर बनाया था लेकिन तब से लेकर आज तक मंदिर में मा धारी देवी की प्रतिमा को स्थापित नहीं किया गया।
9 साल से श्रद्धालुओं और पुजारियों को जिस शुभ मुहूर्त का इंतजार था आखिर वो आ ही गया है 28 जनवरी को मां धारी देवी की प्रतिमा को स्थाई मंदिर में विराजमान किया जाएगा।
मान्यता के अनुसार उत्तराखंड में स्थित मां धारी देवी को उत्तराखंड की रक्षक देवी के रूप में जाना जाता है साथ ही केदारनाथ का द्वारपाल कहे जाने वाले इस मंदिर से मां धारी देवी की मूर्ति हटाए जाने से 17 जून साल 2013 में आई आपदा का कारण भी माना जाता है।
बता दे कि 28 जनवरी 2023 को मां धारी देवी भैरवनाथ और नंदी की प्रतिमाओं को अस्थाई परिसर से नवनिर्मित मंदिर में शुभ मुहूर्त के समय स्थापित किया जाएगा।