उत्तराखण्ड में अब नई बीमारी का डर, इस गांव में मिला पहला केस, अलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग…

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After corona now encephalitis wreaks havoc in Uttarakhand first confirmed case in Haridwar

आपको बता दें कि कोरोना की तीसरी लहर के ख़तरे के बीच अब उत्तराखंड में दिमाग़ी बुखार ने दस्तक दी है। हरिद्वार ज़िले में एक बच्चे के अंदर दिमाग़ी बुखार की पुष्टि हुई है। बच्चा रुड़की से सटे बिझौली गांव का रहने वाला है। कुछ दिन पहले उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। जिसके बाद बच्चे के सैंपल टेस्ट के लिए भेजे गए जिसमें उसकी पहली रिपोर्ट में दिमाग़ी बुखार की पुष्टि हुई है। पहली रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों का बिझौली में जमावड़ा लग गया था। अब बताया जा रहा है कि बच्चे की दूसरी सैंपल रिपोर्ट भी आ चुकी है जिसमें भी बच्चे को दिमाग़ी बुखार होने की बात पता चली है।

फ़िलहाल स्वास्थ्य विभाग की टीम गाँव पहुँच चुकी है। और उनके द्वारा घर घर जाकर सर्वे किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में सर्वे शुरु कर इस प्रकार के रोगियों की खोजबीन शुरू कर दी है। साथ ही पूरे गाँव के हर क्षेत्र में सैनेटाइजर का छिड़काव भी किया जा रहा है। नारसन सामुदायिक केंद्र के प्रभारी डॉ. विवेक तिवारी ने बताया कि देहरादून में बच्चे की रैपिड जांच होने पर दिमागी बुखार की शिकायत थी।साथ ही उन्होंने यह बताया कि इस की पुष्टि के लिए बच्चे का खून का सैंपल हल्द्वानी भेजा गया था। हल्द्वानी से आई रिपोर्ट में भी बच्चे को दिमाग़ी बुखार की पुष्टि हो गई है।

हरिद्वार में दिमाग़ी बुखार की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया क्योंकि दिमाग़ी बुखार बेहद ख़तरनाक बीमारी है। चार साल पहले यूपी के गोरखपुर में दिमागी बुखार के चलते 70 मासूमों की मौत हो गई थी। बच्चों को दिमागी बुखार से बचाने के लिए टीकाकरण करवाना जरूरी है। ऐसे मामलों में मरीज़ को दौरा भी पड़ सकता है और वह कोमा में भी जा सकता है। इस बीमारी के चलते लगभग 30% लोगों की जान जा सकती है। इससे बचाव के लिए गंदे पानी के संपर्क में आने से बचें। मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी जमा न होने दें।

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