पारम्परिक उत्तराखण्डी खानपान बहुत पौष्टिक और बनाने में सरल होती है। यह व्यंजन औषधीय महत्व के साथ ही पौष्टिकता से भी भरपुर हैं। यानी हेल्थ एवं वेलनेस के लिहाज से भी ये खास महत्वपूर्ण हैं। यही वजह है कि यहां के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद भी हर किसी को भाता है।यह दिखने में जितना लाजवाब होता है, खाने में भी उतना ही स्वादिष्ट होता है। मंडवे की रोटी ,कंडाली का साग, फाणु का साग और भी कई तरह के पकवान होते है जो पौष्टिक और स्वादिष्ट दोनों होते है।
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उत्तराखंड पुलिस विभाग में भी इसी से संबंधित एक नहीं पहल शुरू की गई है। जहां डीजीपी अशोक कुमार ने सभी सेना नायकों और जनपद में यह सर्कुलर भेजा है कि सभी थाना या चौकी और डिटैचमेंट में चलने वाले भोजनालयों में सप्ताह में एक दिन उत्तराखंडी भोजन बनेगा।उनका मानना है कि पहाड़ी भोजन स्वादिष्ट होने के साथ साथ कई पोषक तत्वों से भरा है। जिससे सेना के जवानों को पोषण और स्वाद दोनों मिलेगा ही और साथ ही पहाड़ी उत्पादों में भी बढ़ोतरी हो जाएगी। हम आपको बता दे कि डीजीपी अशोक कुमार इस समय पुलिस महकमे के बदलाव के लिए नए और बड़े फैसले ले रहे है। इसके साथ साथ वह अपराधियों को पकड़ने के लिए कई अभियान भी चला रहे है। लेकिन इस बार उन्होंने जवानों के स्वास्थ्य और पहाड़ी उत्पादों की बढ़ोतरी को ध्यान में रख यह निर्णय लिया है।