पिछले साल से आईटीबीपी साल भर के लिए सीमा पर तैनात की गई। इसके चलते अब चीन के साथ बिगड़ते सम्बन्धो के बाद भारतीय सेना भी साल भर के लिए भारत और चीन सीमा पर तैनात रहेगी। अभी तक तो बर्फबारी शुरू होने से पहले ही आईटीबीपी 13 हज़ार फ़ीट से ज्यादा ऊंचाई वाली चौकियों को 9 हज़ार फ़ीट तक कि ऊंचाई तक शिफ्ट कर देती थी। भारतीय सेना 2019 तक कालापानी व नाभीढांग गूंजी में तैनात थे। ये पहली बार होगा कि चीन सीमा के 9 हज़ार फ़ीट से ज्यादा वाली ऊंचाई पर सेना के वीर पहरे दारी करेंगे। ये सीमा कुछ उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जनपद की चीन से 136 किलोमीटर लंबी सीमा लगी हुई है। इस सीमा को तिब्बत सीमा पुलिस बल आईटीबीपी संभालती है।
सेना 10 से ज्यादा अग्रिम चौकियों में से सिर्फ तीन 11 हज़ार फीट से कम ऊंचाई वाली तीन चौकियों में तैनात रहती थी। भारत और चीन के बीच मे लेह लदाख, अरुणाचल के बॉर्डर में लड़ाई के बाद अब सेना पिथौरागढ़ से लगा हुआ चीन का बॉर्डर पर पहरा देगी। भारत की आखिरी चौकी केबीला है- मुनस्यारी से लगे चीन बार्डर में केबिला लाइन भारत के लिए आखिरी चौकी है। चरवाहों के मुताबिक सीमा सुरक्षा को लेकर चौकना को गई है। केंद्रीय खुफिया एजेंसी के साथ सेना, आईटीबीपी के अधिकारियों ने बोर्डर पर बीते 14 दिन में कई बार पेट्रोलिंग की है। लेकिन इस बार भारत की सुरक्षा एजेंसी भी चीन की सारी हरकतों पर नज़र रखे हुए है।
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