उत्तराखंड- आपको बता दें कि उत्तराखंड की मौजूदा भाजपा सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 2019 में देवस्थानम बोर्ड कानूनी ढंग से बनाया गया था। जिसका लगातार विरोध हो रहा है। इसी बीच विवाद में अब एक नया मोड़ सामने आया है। चार धाम की तीर्थ पुरोहित ने राज्य सरकार द्वारा बनाया गया कानून को भंग करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दखलअंदाजी करने की मांग की है। पुरोहितों द्वारा पीएम मोदी को खून की चिट्ठी भेजी गई है जिसमें उन्होंने चार धाम में चली आ रही परंपरा को बचाने की गुहार लगाई है। साथ ही चार धाम से जुड़ी मंदिर समितियों और पुरोहितों के अलावा 47 अन्य मंदिरों में राज्य स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी है।
देवस्थानम बोर्ड के पुरोहित पिछले कई हफ्तों से प्रदर्शन कर रहे हैं। अब इन्होंने जिला मुख्यालय समेत राजधानी देहरादून में भी प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। वही आज तीर्थ पुरोहितों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खून से भरा पत्र लिखा, केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी के हस्ताक्षर वाले पत्र में लिखा गया है कि, राज्य सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड बनाने का कदम सनातन धर्म की पुरानी परंपराओं के साथ छेड़छाड़ करना है।
पुरोहितों के हको के साथ जबरन खिलवाड़ किया जा रहा है, जो न्यायोचित नहीं है। साथ ही तीर्थ पुरोहित ने पीएम मोदी से दखल देकर बोर्ड को भंग करने की मांग की है। आपको बता दें कि लगातार धरने में बैठे तीर्थ पुरोहितो का धरना प्रदर्शन 60 दिन पूरे कर चुका है।