अब धीरे – धीरे गढ़वाल के बच्चे ऊंचाइयों को छू रहे हैं कोई खेल जगत में और कोई पढ़ाई में अपना गढ़वाल का नाम रोशन कर रहा है। इसी ही एक खबर लेके हम आपके पास आए हैं। पौड़ी गढ़वाल के होनहार प्रदीप रावत सीएसआईआर यूजीसी नेट परीक्षा में केमिकल साइंस विषय में ऑल इंडिया लेवल पर 52वीं रैंक हासिल करने में सफल रहे। प्रदीप की मेहनत ही ये बताती है की वो हरे नहीं उनका जो लक्ष्य था उन्होंने उसे हासिल करके दिखाया। आपको बता दें की प्रदीप आईआईटी में एडमिशन लेकर पीएचडी करना चाहते हैं, ताकि उनके नाम के आगे भी डॉक्टर लिखा हो।
प्रदीप का कहना है की ये उनका सपना है और अगर ये सपना उनका पूरा होता है तो वो अपनी परिवार के पहले ऐसे सदस्य होंगे जिसके नाम के आगे डॉक्टर लिखा होगा।मूलरूप से प्रदीप पौड़ी गढ़वाल के नैनीडांडा क्षेत्र के रहने वाले हैं। और अभी वर्तमान में गाजियाबाद में अपने परिवार के साथ रहते हैं। प्रदीप ने बताया की उन्होंने हाईस्कूल तक की पढ़ाई गोल्डन पब्लिक स्कूल से की, वहीं इंटर की सरस्वती विद्या मंदिर को। प्रदीप बचपन से ही बहुत होनहार थे। बारावही के बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीएससी किया। प्रदीप का सपना है की ये वो केमेस्ट्री प्रोफेसर बनना चाहते हैं।
प्रदीप ने अपनी बचपन की याद ताजा करके बताई की जब वो हाईस्कूल में पढ़ाई कर रहे थे तो उन्होंने एक बार अपने साथियों को पढ़ाया था तो तब उन्होंने मुझे प्रोफेसर कहकर बुलाया।और उसी वक्त से मैंने प्रोफेसर बनने के लिए कड़ी मेहनत की सोच ली।
प्रदीप ने बताया की उनकी पढ़ाई के दौरान जब वो ग्यारहवीं में थे तो उनके पिता जिस कंपनी में काम करते थे वो कंपनी बंद हो गई। और फिर उनके पिता की नौकरी चले गई। अपने घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ने के बाद अपने परिवार को संभालने के लिए प्रदीप ने भी हर कोशिश की और इसके साथ अपनी पढ़ाई भी जारी रखी। प्रदीप ने बताया की एआईईईई में भी उनकी अच्छी रैंक मिली थी लेकिन इंजीनियरिंग करने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे इस कारण से वो कॉलेज में एडमिशन नहीं पाया।
उसके बाद बीएससी करके प्रदीप ने मास्टर्स की शिक्षा के लिए उन्होंने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जालंधर में एडमिशन लिया। वहां से पढ़ाई पूरी कर बाद में फिर प्रदीप ने नोएडा में पीजीटी शिक्षक के तौर पर काम किया। उसके बाद धीरे – धीरे कोचिंग सेंटर भी शुरू किया। पर लॉकडाउन के चलते सब बंद हो गया। फिर प्रदीप ने केमेस्ट्री में पीएचडी के लिए भारत के बेस्ट कॉलेजों में एडमिशन पाने की तैयारी शुरू की। प्रदीप ने बताया की वो हर दिन दस-दस घंटे पढ़ाई करते रहे और अब उन्हें सीएसआईआर नेट परीक्षा पास करने में कामयाबी हासिल की।
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