उत्तराखंड में कोरोना से अस्पतालों का बुरा हाल है। यहां बाबरपुरी गांव निवासी एक गर्भवती महिला की समय पर इलाज न होने के कारण मौत हो गयी। 28 जून 2020 को ही महिला की शादी केलाखेड़ा निवासी के एक युवक के साथ हुई थी। अचानक महिला की तबियत गुरुवार को खराब हो गयी। उसे हल्का हल्का बुखार और सांस लेने की शिकायत हुई। परिजन जल्दबाजी में महिला को बाजपुर और रुद्रपुर के अस्पतालों में ले गये। लेकिन वेंटिलेटर न होने के कारण अस्पतालों ने हाथ खड़े कर दिए।
महिला के परिजन फिर उसे हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टरों ने महिला का परीक्षण किया। उन्होंने परिजनों को खबर दी कि महिला के गर्भ में नवजात शिशु की मृत्यु हो गयी है। और महिला की जान बचाने के लिए उसका ऑपेरशन करना होगा। परिजनों ने ऑपेरेशन के लिए तुरंत हामी भरी।
ऑपेरेशन के दौरान शुक्रवार सुबह महिला की भी मौत हो गयी। इस बीच वह कोरोना संक्रमित भी पाई गई। फिर डॉक्टरों ने परिजनों को महिला का शव देने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की गाइडलाइन्स के मुताबिक महिला का अंतिम संस्कार उनकी टीम ही करेगी। डॉक्टरो ने परिजनों को कहा कि यदि उन्हें शव चाहिए तो सिटी मैजिस्ट्रेट से अनुमति के रूप में अनापत्ति प्रमाण पत्र लाना होगा।
फिर महिला के परिजनों ने क्षेत्र के कांग्रेस नेता राजेन्द्र पाल से बात की। राजेन्द्र पाल ने हल्द्वानी सिटी मैजिस्ट्रेट प्रत्यूष कुमार और बाजपुर उपजिलाधिकारी विवेक प्रकाश से बातचीत की। दोनों अधिकारियों ने अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर कोविड निर्देशानुसार शव को परिजनों को सौंपने का आदेश दिया। परिजनों ने भी कोविड नियमों का पालन कर शव का अंतिम संस्कार किया।